नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बढ़ी सियासी तकरार, कांग्रेस समेत इन विपक्षी दलों ने किया समारोह का बहिष्कार

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बढ़ी सियासी तकरार, कांग्रेस समेत इन विपक्षी दलों ने किया समारोह का बहिष्कार
  • विपक्षी दलों ने बताया अपमान
  • बीजेपी ने किया पलटवार
  • 28 मई को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए संसद भवन को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। दलों का मोदी सरकार पर आरोप है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह प्रधानमंत्री मोदी से कराना राष्ट्रपति का अपमान है। इस वजह से सभी प्रमुख विपक्षी दल एक बाद एक इस समारोह का बहिष्कार करते जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि समान विचारधारा वाले विपक्षी पार्टियों के नेता जल्द ही समारोह के बहिष्कार को लेकर संयुक्त बयान जारी कर सकते हैं। बता दें कि 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे।

इन दलों ने किया बहिष्कार

टीएमसी, आम आदमी पार्टी, सीपीएम, सीपीआई, एनसीपी, शिवसेना उद्धव गुट, जेडीयू, आरजेडी, डीएमके, भारतीय भाकपा, और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने समारोह में न शामिल होने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले ही इसे लेकर मोदी सरकार को घेर चुके हैं। 21 मई को अपने ट्वीट में राहुल ने कहा था कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!

आरजेडी के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, 'हमने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि नए संसद भवना का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए, क्योंकि संसद का प्रमुख राष्ट्रपति होता है और ऐसा न करके राष्ट्रपति का अपमान किया जा रहा है।' वहीं बिहार में उनकी गठबंधन पार्टी जेडीयू ने भी इसे विरासत का अपमान बताते हुए समारोह में शामिल न होने का फैसला किया है।

शिवसेना उद्धव गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना है कि पुराना संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न आरएसएस और न बीजेपी का कोई रिश्ता है। यह खर्चा केवल शिला पर 'पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया' लिखाए जाने के लिए किया गया है। संविधान के अभिरक्षक राष्ट्रपति को इस उद्घाटन समारोह में न बुलाए जाने की वजह से देश के विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, द्रौपदी मुर्मू जी को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन के बाहर तक नहीं आने दिया जाता।

एनसीपी और डीएमके ने भी किया बॉयकाट

एनसीपी और डीएमके ने भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से किनारा किया है। डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि हमारा पार्टी नए संसद भवन की इमारत के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी। एनसीपी ने भी अन्य विपक्षी दलों की तरह समारोह में शरीक न होने का फैसला किया है।

आप पार्टी की ओर से राज्यसभा संजय सिंह ने कहा कि संसद भवन के उद्घाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है। यह उस दलित, आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है जिससे महामहिम द्रौपदी मुर्मू आती हैं। मोदी सरकार के इस अनैतिक रवैये के कारण हमारी पार्टी ने समारोह में शामिल न होने का फैसला किया है।

बीजेपी ने किया पलटवार

विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस द्वारा समारोह का बहिष्कार करने बीजेपी ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि पूर्व पीएम और कांग्रेस नेता इंदिरा गांधी ने भी 24 अक्टूबर 1975 को संसद भवन के एक हिस्से का उद्घाटन किया था, वहीं पूर्व पीएम राजीव गांधी के द्वारा भी 15 अगस्त 1987 में संसद की एक लाइब्रेरी की नींव रखी गई थी।

Created On :   24 May 2023 12:43 PM IST

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