पोटेटो पॉलिटिक्स: पश्चिम बंगाल की ममता और ओडिशा की मांझी सरकार में आलू को लेकर ठनी

पश्चिम बंगाल की ममता और ओडिशा की मांझी सरकार में आलू को लेकर ठनी
  • ओडिशा में बढ़ गईं आलू की कीमतें
  • ओडिशा के लिए जरूरी है बंगाल का आलू
  • पश्चिम बंगाल में होता है भरपूर आलू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आलू की बढ़ती डिमांड और महंगाई को लेकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सियासी घमासान मचा हुआ है। आलू को लेकर दोनों राज्यों की सरकारें आमने सामने आ गई है।

आपको बता दें पश्चिम बंगाल में 110 लाख टन आलू का उत्पादन होता है, यहां से करीब 20-22 लाख टन आलू अन्य राज्यों में जाता है। दूसरे राज्यों में जाने से वहां आलू की कीमतों में बढ़ोतरी हो जाती है। वेस्ट बंगाल में आलू की डिमांड बढ़ती जा रही है, डिमांड के साथ साथ रेट भी बढ़ते जा रहे है। ऐसे में ममता बनर्जी ने उन ट्रकों पर रोक लगा दी है जो ओडिशा जा रहे थे। ममता दीदी के फैसले से ओडिशा की मांझी सरकार संकट में है। पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार की ओर से आलू पर लगी रोक ने ओडिशा की मांझी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। आलू को लेकर ओडिशा के मंत्री ने कहा कि अब हम ममता सरकार से गुहार नहीं लगाएंगे और यूपी से आलू मंगा रहे हैं।

ट्रंकों को रोकने से आलू ओडिशा में नहीं पहुंच पा रहे है, जिसके चलते ओडिशा में आलू की कीमत बढ़ रही है। हालांकि ओडिशा का कहना है कि वह आलू पश्चिम बंगाल के बजाय उत्तरप्रदेश से मंगा रहे है। ओडिशा में हर साल 3 लाख टन आलू का उत्पादन होता है, जबकि यहां हर साल 13 लाख टन मीट्रिक टन आलू की जरूरत होती है।

आपको बता दें पश्चिम बंगाल का आलू ओडिशा, झारखंड, असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में जाता है। पश्चिम बंगाल में आलू के बढ़ते दामों पर अंकुश लगाने के लिए ममता बनर्जी ने ये फैसला लिया है। पश्चिम बंगाल की सरकार इस फैसले पर माझी सरकार के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने ममता बनर्जी निशाना साधते हुआ उन पर आलू पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

Created On :   30 Nov 2024 7:00 PM IST

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