कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। महाराष्ट्र में चल रहे हाई वोल्टेज सियासी ड्रामे के बीच कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस से जुड़े राजनेता जुबानी जंग में लगे हुए हैं।पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रमुख दलित राजनेता डॉ. जी. परमेश्वर ने शनिवार को अवैध तरीके से सत्ता हथियाने के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी ओर से महाराष्ट्र में यही किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, प्रणाली में सुधार किया जाना चाहिए। एक पार्टी से चुनाव जीतने और दूसरे में शामिल होने वाले उम्मीदवारों के मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा की जानी चाहिए और ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए एक कानून लाया जाना चाहिए।
इसका जवाब देते हुए, भारी और मध्यम उद्योग मंत्री, मुरुगेश निरानी ने कहा कि महाराष्ट्र में एक राजनीतिक दल द्वारा विद्रोह किया गया है और कई सत्ताधारी प्रतिष्ठान के विरोधी हो गए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि बागी विधायक भाजपा का समर्थन करेंगे और पार्टी सरकार बनाएगी। जब वे भाजपा से संपर्क करेंगे तो सरकार बनेगी।मंत्री मुरुगेश निरानी ने कहा कि महाराष्ट्र गठबंधन सरकार में कई शक्ति केंद्र थे। उन्होंने बगावती नेताओं पर बात करते हुए कहा कि राजनीति में साधु नहीं होते हैं।
विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ऑपरेशन लोटस एक खतरनाक घटनाक्रम है। महाराष्ट्र में 40 विधायकों की खरीद-फरोख्त लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है। ऑपरेशन लोटस का आविष्कार बीजेपी ने किया था और इसका पूर्व सीएम बी. एस. येदियुरप्पा ने 2008 में उपयोग किया। अन्य राज्यों में इसका अभ्यास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, यह राजनीतिक दिवालियापन है। किसी को इसे प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। यह मध्य प्रदेश और गुजरात में किया गया है। उन्होंने राजस्थान में कई प्रयास किए। यदि भाजपा द्वारा संचालित केंद्र सरकार इसका समर्थन कर रही है, तो लोकतंत्र के जीवित रहने की संभावना कम है।
उन्होंने आगे कहा, विधायकों को फंड देने के लिए उन्हें पैसा कहां से मिलेगा? प्रत्येक विधायक को 20 करोड़ से 40 करोड़ रुपये दिए जाते हैं, जो अवैध रूप से भ्रष्टाचार से ही उत्पन्न है। भ्रष्टाचार के बिना इतनी बड़ी राशि की व्यवस्था कैसे की जा सकती है? भाजपा लोगों द्वारा चुनी गई सरकारों के पतन को सुनिश्चित कर रही है। सिद्धारमैया ने कहा, एक नियम होना चाहिए कि पार्टी बदलने वाले निर्वाचित विधायक को 10 साल तक चुनाव लड़ने की अनुमति न मिल पाए।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   25 Jun 2022 8:00 PM IST