यूपीसीडा को दो वर्षो में 7 देशों से 3200 करोड़ का मिला एफडीआई

UPCIDA got FDI worth 3200 crores from 7 countries in two years
यूपीसीडा को दो वर्षो में 7 देशों से 3200 करोड़ का मिला एफडीआई
उत्तर प्रदेश यूपीसीडा को दो वर्षो में 7 देशों से 3200 करोड़ का मिला एफडीआई
हाईलाइट
  • विदेशी निवेश

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश अब विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बना है। राज्य में दो दर्जन से ज्यादा देशों ने 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इससे अगले साल जनवरी में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर समिट-23 (जीआईएस) से प्रदेश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और बढ़ने की संभावना है। पिछले दो वर्षो में यूपी औद्योगिक राज्य प्राधिकरण (यूपीसीडा) को सात देशों से 3200 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है।

अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग ने विदेशी निवेश को लेकर डेडिकेटेड हेल्प डेस्क बनाया है। पिछले पांच वर्षो में 12 देशों से 26,371 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं और 39 परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित हो चुकी है। इससे 38 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। प्रमुख निवेशक देशों में सिंगापुर, यूएस, जापान, यूके, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया की कंपनियां हैं।

इसके अलावा, आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स विभाग की उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति 2020 के तहत जापान, कोरिया, फ्रांस, कनाडा, ताईवान, बेल्जियम, फिनलैंड, यूएसए और स्विडेन की कंपनियों ने निवेश किया है। इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र मोबाइल मैन्यूफैक्च रिंग का हब है। ग्रेटर नोएडा में 100 एकड़ में टेग्ना इलेक्ट्रानिक्स क्लस्टर बन रहा है। इसके अलावा लीथियम आयन बैटरी उत्कृष्टता केंद्र परिचालित है।

अगले पांच वर्षो में विभाग की ओर से यमुना प्राधिकरण (इलेक्ट्रानिक सिटी), बुंदेलखंड (डिफेंस इलेक्ट्रानिक्स क्लस्टर्स), लखनऊ-उन्नाव में (चिकित्सा इलेक्ट्रानिक्स क्लस्टर) की स्थापना करेगा। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2017 के तहत विदेशी निवेशकों से 20,490 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। जबकि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के तहत विदेशी निवेशकों ने 300 करोड़ रुपये निवेश का प्रस्ताव दिया है।

पिछले दो वर्षो में यूपीसीडा को सात देशों से 3200 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है। इसमें यूनाइटेड किंगडम की तीन कंपनियों ने 1237 करोड़, यूएसए की दो कंपनियों से 1237 करोड़, फ्रांस से 307 करोड़, इटली से 250 करोड़, कनाडा से सवा सौ करोड़, जर्मनी की दो कंपनियों ने 60 करोड़, साइप्रस से 10 करोड़ रुपये का निवेश है। इससे 8650 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।

जीआईएस-23 प्रदेश में विदेशों से सर्वाधिक निवेश लाएगा। इसके लिए रणनीति बनाकर कार्य योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसे लेकर 93 दूतावासों, विदेशी औद्योगिक संगठनों, विदेश मंत्रालय और इंवेस्ट इंडिया को पत्र लिखा गया है। इसमें निवेश और उद्योगों से संबंधित कई जानकारियां मांगी गई हैं।

अवस्थापना और औद्योगिक विभाग के आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि सीएम योगी के प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने के संकल्प को पूरा करने में जीआईएस-23 बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। विदेशों में ब्रांड यूपी की खूबियों और खासियत से निवेशकों को रूबरू कराया जाएगा। विदेशी निवेश को देखते हुए नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है। रोड शो के दौरान विदेशों में सरकार की नीतियों और प्रदेश के बदले हुए माहौल के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि अधिक से अधिक विदेशी निवेश प्रदेश में लाया जाए।

सीएम योगी जीआईएस-23 को लेकर काफी गंभीर हैं और वह समय-समय पर तैयारियों की खुद समीक्षा कर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दे रहे हैं। जीआईएस-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए कई बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है।

विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही कुछ नई नीतियां भी लाई जा रही हैं। इसमें खाद्य प्रसंस्करण नीति, डिफेंस और एयरो स्पेश विनिर्माण नीति, इलेक्ट्रानिक्स नीति, एमएसएमई नीति, औषधि निर्माण नीति, फार्मा नीति, वस्त्रोद्योग नीति, वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति, नागरिक उड्डयन नीति, सूचना प्रोद्योगिकी नीति, दुग्ध नीति, ईवी नीति, सौर ऊर्जा नीति, पर्यटन नीति, निजी औद्योगिक पार्क नीति, बायो फ्यूल नीति, डाटा सेंटर नीति, स्टार्टअप नीति, इंटीग्रेटेड टाउपशिप पॉलिस, वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 शामिल है।

 

आईएएनएस

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Created On :   10 Sept 2022 12:30 PM IST

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