चुनाव से ठीक पहले राम रहीम का जेल से बाहर आने के पीछे समझिए सियासी मायने

Understand the political meaning behind Ram Rahim coming out of jail just before the elections
चुनाव से ठीक पहले राम रहीम का जेल से बाहर आने के पीछे समझिए सियासी मायने
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 चुनाव से ठीक पहले राम रहीम का जेल से बाहर आने के पीछे समझिए सियासी मायने
हाईलाइट
  • 50 से अधिक सीटों पर प्रभाव रखते है रहीम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब में  विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनेता डेरों पर डेरा डालने लग जाते है। चुनावी दौर में भारत की राजनीति में धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं का खूब बोलबाला होता है। 2017 से हरियाणा की रोहतक जेल में दुष्कर्म और हत्या के मामले  में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल पर जेल से रिहा किया गया है।

राम रहीम की रिहाई के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ आई है। डेरे के समर्थक भक्तों  का कहना है कि चुनाव में डेरा का जिधर इशारा होगा उसी पार्टी को हमारा वोट जाएगा।  

 हरियाणा की जेल से राम रहीम को पैरोल पर  छोड़े जाने से एक बार फिर पंजाब के चुनावी प्रचार में डेरे और राम रहीम की चर्चा जोरों पर है। वोटों की राजनीति के लिए सभी नेता डेरे में माथा टेकने पहुंचते हैं। पग पग की डगर पर पंजाब में डेरे स्थित है, जो पंजाब की राजनीति कि दिशा और दशा तय करते है। पार्टियों की जीत हार में डेरे प्रमुख रोल निभाते है। सच्चा डेरा का पंजाब की करीब 70 सीटों पर प्रभाव है। हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने बताया कि पैरोल लेना हर कैदी का अधिकार है। इसके बाद राम रहीम को पुलिस निगरानी की शर्त के बाद  21 दिन की जेल से बाहर रहने की छूट मिल गई। उसे आज सुबह ही रोहतक के सुनारिया जेल से निकाला है।  उसका अधिकांश समय डेरे में ही व्यतीत होगा। 

गुरुग्राम में 21 दिन रहेगा राम
मिली  जानकारी के मुताबिक गुरमीत राम रहीम 21 दिन की पैरोल पर गुरुग्राम में रहेगे। कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम को आज सोमवार शाम करीब  5 बजे गुड़गांव के साउथ सिटी में स्थित डेरे पर लाया जाएगा। डेरे प्रमुख की निगरानी में कई सुरक्षा कर्मी मौजूद रहेगे, चुनाव से ठीक पहले अगस्त 2017 से सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम को हरियाणा सरकार ने 21 दिन की पैरोल पर छोड़ा है। 
राम रहीम दो साध्वियों के रेप और दो हत्याओं के आरोप में जेल में सजा काट रहा है। इससे पहले भी राम रहीम को मां के बीमार होने पर  21 मई 2021 को 12 घंटे की पैरोल मिली थी। इस तरह पिछले 8 महीने में राम रहीम को दूसरी बार पैरोल मिल रही है।

बीजेपी अमरिंदर के समर्थन के कयास 

आपको बता दें हरियाणा में मनोहर लाल खट्‌टर के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है। हरियाणा सरकार की ओर से रहीम को पैरोल पर छोड़ने के पीछे बीजेपी का चुनावी कनेक्शन बताया जा रहा है। हालांकि रहीम की पैरोल को सीएम खट्टर चुनावी कनेक्शन से दूर इसे एक संयोग्यवश बताते हुए एक अधिकार के तौर पर बता रहे है। जो हर अपराधी का अधिकार है। लेकिन पंजाब में ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि रहीम बीजेपी को समर्थित कर सकते है। 

डेरे की पॉलिटिकल कमेटी यह तय करती है कि किस पार्टी का सपोर्ट करना है। जिसके दल के पक्ष में डेरे की राजनैतिक समीति कह देती है, उसी का पालन डेरे से जुडे लाखों फॉलोअर करते है और उसी दल को विजय करने की कोशिश करते है, यदि वो समर्थित पार्टी को जीता नहीं सकते तो विपक्षी पार्टी को हराने में सफल होते है। 

 

 

Created On :   7 Feb 2022 2:52 PM IST

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