त्रिपुरा उपचुनाव से 2023 में भाजपा की विधानसभा की संभावना खत्म हो जाएगी

Tripura by-elections will end the prospect of BJPs assembly in 2023
त्रिपुरा उपचुनाव से 2023 में भाजपा की विधानसभा की संभावना खत्म हो जाएगी
अभिषेक बनर्जी त्रिपुरा उपचुनाव से 2023 में भाजपा की विधानसभा की संभावना खत्म हो जाएगी

डिजिटल डेस्क, अगरतला। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने यहां मंगलवार को कहा कि त्रिपुरा की चार विधानसभा सीटों पर 23 जून को होने वाले उपचुनाव से राज्य में भाजपा के शासन का अंत हो जाएगा, जिसका समापन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के साथ होगा।

एक रोड शो में भाग लेने के बाद अभिषेक बनर्जी ने अगरतला में कहा, आपके (भाजपा) के पास प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर है, हमारे पास लोगों का समर्थन है। सीबीआई ने मेरी पत्नी (रुजिरा नरूला) से पूछताछ के लिए इस दिन (मंगलवार) को चुना, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि मैं यहां (त्रिपुरा) आऊं। लेकिन कोई ताकत हमें रोक नहीं सकती। हम दुआरे गुंडा (दरवाजे पर गुंडा) नहीं चाहते हैं, हम दुआरे सरकार (दरवाजे पर सरकार) चाहते हैं। त्रिपुरा को दिल्ली से नहीं, बल्कि त्रिपुरा के लोगों द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पद से बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे का जिक्र करते हुए तृणमूल नेता ने कहा कि चेहरा बदलने से 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार को टाला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि माणिक साहा के सत्ता संभालने के बाद भी विपक्ष के समर्थकों पर हमले और अत्याचार जारी हैं। बनर्जी ने कहा, पिछले साल अगस्त में त्रिपुरा में टीएमसी द्वारा राजनीतिक गतिविधि शुरू किए जाने के बाद भाजपा भयभीत हो गई। भाजपा ही नहीं, माकपा और कांग्रेस भी ममता बनर्जी से डरती हैं। हम बंगाल की तरह भाजपा को हराने के लिए त्रिपुरा आए हैं। तृणमूल कांग्रेस की भावना पर अंकुश लगाने वाली कोई ताकत नहीं है।

पार्टी के बंगाल और त्रिपुरा के नेताओं के साथ उन्होंने आरोप लगाया कि वाम दलों के 35 साल के शासन, कांग्रेस के पांच साल और भाजपा के चार साल से अधिक के शासन ने लोगों को धोखा दिया है। बनर्जी ने कहा, अब समय आ गया है कि तृणमूल कांग्रेस को राज्य के वास्तविक विकास का मौका दिया जाए। टीएमसी के लोकसभा सदस्य ने कहा, जब भी आप मुझे बुलाएंगे, मैं यहां (त्रिपुरा) एक घंटे के भीतर आ जाऊंगा। त्रिपुरा में ही नहीं, टीएमसी असम और मेघालय में भी अपना राजनीतिक आधार बढ़ाएगी।

बनर्जी ने यह भी कहा कि अगर भाजपा वायरस है, तो तृणमूल कांग्रेस टीका है। तृणमूल एक उच्च गुणवत्ता वाली डीवीडी है, भाजपा एक भंग (टूटी हुई) ऑडियो कैसेट है। अगर वे आपको वोट देने के लिए पैसे देते हैं, तो पैसे लें और वोट दें जोड़ा फूल (टीएमसी का चुनाव चिन्ह) के लिए। टीएमसी ने उपचुनाव में सभी चार विधानसभा सीटों - टाउन बोरदोवाली, अगरतला, जुबराजनगर और सूरमा (एससी) पर उम्मीदवार उतारे हैं। 23 जून को होने वाले उपचुनाव में भाजपा, टीएमसी, वाम दलों और कांग्रेस के बीच बहुकोणीय मुकाबला है।

 

सोर्स- आईएएनएस

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Created On :   14 Jun 2022 10:00 PM IST

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