तृणमूल अगले 2 महीनों में संगठनात्मक चुनाव कराएगी

Trinamool to hold organizational elections in next 2 months
तृणमूल अगले 2 महीनों में संगठनात्मक चुनाव कराएगी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल अगले 2 महीनों में संगठनात्मक चुनाव कराएगी

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। ऐसे समय में, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य की सीमाओं से परे धाक जमाने के लिए अति उत्साहित हैं, तृणमूल कांग्रेस ने 1998 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार संगठनात्मक चुनाव कराने का फैसला किया है। इसे पार्टी को लोकतांत्रिक चेहरा बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

हाल ही में पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पार्टी के संगठनात्मक चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे। यह पहली बार होगा कि पार्टी के सदस्य राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्यों का चयन करेंगे। पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया कि अगले तीन महीनों में पार्टी पदाधिकारियों में बड़ा फेरबदल होगा।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, जनवरी के अंत तक प्रतिनिधियों और मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा और चुनाव पर्यवेक्षक के नाम की घोषणा की जाएगी। चुनाव प्रक्रिया और नई समिति के गठन की प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी। संगठनात्मक चुनाव की अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।

राजनीतिक विशेषज्ञों की राय है कि ममता बनर्जी द्वारा स्थापित तृणमूल कांग्रेस, जो गठन से पहले कांग्रेस का हिस्सा थी, एक ऐसी छवि बनाने में सफल रही, जिसे पश्चिम बंगाल के लोगों ने पूरे दिल से स्वीकार किया है, लेकिन जब वह एक राज्य से बाहर देश के लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, पार्टी की छवि ममता बनर्जी के व्यक्तिगत करिश्मे से अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी और शायद यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी को एक लोकतांत्रिक चेहरा देने की कोशिश कर रही है।

पिछले कुछ महीनों में तृणमूल कांग्रेस ने तीसरी बार सत्ता में आने के बाद कांग्रेस द्वारा बनाए गए राजनीतिक शून्य का इस्तेमाल करने की कोशिश की है। पार्टी ने न केवल पूर्वोत्तर राज्यों में, बल्कि गोवा जैसे देश के पश्चिमी छोर में भी अपने आधार का विस्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। ममता बनर्जी असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अपने पदचिह्नें को बढ़ाने के लिए कांग्रेस की पूर्व सांसद और राहुल की करीबी सहयोगी रहीं सुष्मिता देव को पहले ही तृणमूल में शामिल कर चुकी हैं। जहां तक गोवा का सवाल है, पार्टी इसे राष्ट्रीय राजनीति में लॉन्चिंग पैड के रूप में इस्तेमाल कर सकती है और खुद को भाजपा के खिलाफ एक जीवंत विपक्ष के रूप में ब्रांड कर सकती है, जिससे देशभर में इस पार्टी से जुड़ने की होड़ तेज हो जाएगी।

गोवा में जहां तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में मेंढक जैसा छलांग लगाने की कोशिश कर रही है, उसने पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फुलेरियो, टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस, अभिनेता नफीसा अली और मृणालिनी देशप्रभु सहित कई प्रभावशाली चेहरों को शामिल किया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी की योजना उत्तर भारत के सभी प्रमुख राज्यों से होकर गुजरने की है।

पार्टी के एक नेता ने कहा, तृणमूल नेतृत्व के पास इसे राष्ट्रीय और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और कृत्यों के साथ एक राष्ट्रीय पार्टी बनाने का दिमाग है। अपने दक्षिण भारत मिशन में तृणमूल का पहला ध्यान कर्नाटक पर है और पार्टी में कुछ कांग्रेस नेताओं को शामिल करने के प्रयास जारी हैं। एक विश्वसनीय सूत्र ने कहा, कर्नाटक में 2023 में होने वाले अगले विधानसभा चुनावों में भी तृणमूल को मुकाबले में उतारने की योजना है। इसलिए पार्टी एक प्रभावशाली चेहरा तलाश रही है।

(आईएएनएस)

Created On :   22 Jan 2022 7:00 PM IST

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