आसान नहीं कांग्रेस की राह, तृणमूल ने बोला हमला

The path of Congress is not easy, Trinamool attacked
आसान नहीं कांग्रेस की राह, तृणमूल ने बोला हमला
गोवा चुनाव आसान नहीं कांग्रेस की राह, तृणमूल ने बोला हमला

डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा में कांग्रेस को भाजपा से आगे रहने की कोशिश में कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) राज्य में कांग्रेस का खेल खराब कर रही हैं। कांग्रेस एक मजबूत चेहरा पेश करने की कोशिश कर रही है और उसने राजनीतिक हलकों में अटकलों के बावजूद तृणमूल के साथ किसी भी गठबंधन की बातचीत से इनकार किया है। कांग्रेस के रुख से बौखलाकर तृणमूल ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस को यह महसूस करना चाहिए कि उसके (कांग्रेस के) नेता भारत के सम्राट नहीं हैं। तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा ने कहा, तृणमूल कहती रही है कि वे गठबंधन के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस किसी सम्राट की तरह मानने और व्यवहार करने को तैयार नहीं है। मोइत्रा ने कहा कि टीएमसी गोवा में गठबंधन करने के लिए तैयार है, क्योंकि बीजेपी को हराना वक्त की दरकार है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को खुद के सर्वोच्च होने के तौर पर बर्ताव करना छोड़ना होगा।

मोइत्रा ने यह भी कहा कि गोवा में भाजपा को हराना समय की मांग है, इसलिए उसे ऐसा रवैया नहीं अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह दोहरा रहे हैं कि एआईटीसी (ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस) इसके लिए (भाजपा को हराने) कुछ भी करने को तैयार है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी गोवा में आगामी चुनाव के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत कर रही है, जिसके बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गईं।

तृणमूल का आरोप है कि कांग्रेस 2017 में राज्य में सरकार नहीं बना पाई और अपने विधायकों के समूह को भी बरकरार नहीं रख पाई। लेकिन, कांग्रेस ने खुला प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है और पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा है कि तृणमूल से कोई बातचीत नहीं हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक पी. चिदंबरम ने भी ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है।

चिदंबरम ने कहा है कि गोवा के लिए कांग्रेस के चुनावी मुद्दों में अर्थव्यवस्था, रोजगार, शिक्षा और पर्यावरण जैसे केंद्रीय विषय शामिल होंगे। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में पूर्व बंदरगाह मंत्री माइकल लोबो के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को थोड़ी राहत मिली है। पार्टी ने चुनावों के लिए दो सूचियां जारी की हैं, लेकिन विधायकों के दलबदल और टिकटों की घोषणा में देरी पर पार्टी में असंतोष देखा गया है, क्योंकि कई उम्मीदवार बेचैन हो रहे हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   14 Jan 2022 9:30 PM IST

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