सीट विशेष पर कई मापदंडों के आधार पर तय करेगी उम्मीदवार

The candidate will decide on the particular seat on the basis of many parameters
सीट विशेष पर कई मापदंडों के आधार पर तय करेगी उम्मीदवार
भाजपा सीट विशेष पर कई मापदंडों के आधार पर तय करेगी उम्मीदवार
हाईलाइट
  • सभी समीकरणों का ध्यान रखेगी भाजपा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, चुनाव प्रभारी और सभी सह चुनाव प्रभारियों के लगातार दौरे या विभिन्न कार्यक्रमों के बीच भाजपा अगले महीने से अपने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को शुरू करने जा रही है।

आईएएनएस से बातचीत करते हुए चुनावी प्रबंधन से जुड़े भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उम्मीदवारों का चयन करते समय भाजपा सीट विशेष पर विरोधी दलों की ताकत के साथ-साथ उसके सभी समीकरणों का भी ध्यान रखेगी। भाजपा उम्मीदवारों के चयन के लिए द्विस्तरीय रणनीति को अपनाते हुए जिताऊ प्रत्याशियों का चयन करेगी।

भाजपा नेता ने आईएएनएस को बताया कि चुनावी मैदान में कई सीटों पर विरोधी दल के साथ सीधे मुकाबले की स्थिति होती है तो कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय या फिर बहुकोणीय होता है और इन हालातों की समीक्षा और विश्लेषण के आधार पर ही भाजपा अपने उम्मीदवारों का चयन करेगी और इसी आधार पर वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट देने या नहीं देने का फैसला किया जाएगा। उन्होने बताया कि सबका साथ- सबका विकास और सबका विश्वास के मूल मंत्र को अपनाते हुए भाजपा उम्मीदवारों के चयन के दौरान क्षेत्र विशेष के सामाजिक समीकरणों का भी ध्यान रखेगी।

उत्तर प्रदेश की बात करें तो वर्तमान समीकरण के आधार पर यह लग रहा है कि राज्य में ज्यादातर सीटों पर भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होना है, इन सीटों पर चुनावी जीत हासिल करने के लिए भाजपा उम्मीदवारों को 40 से 45 प्रतिशत वोट हासिल करना होगा, जबकि इसके विपरीत जिन सीटों पर भाजपा का मुकाबला सपा, बसपा, कांग्रेस या अन्य दलों के उम्मीदवारों के साथ बहुकोणीय होगा ,वहां 30 से 35 प्रतिशत वोट हासिल करके भी भाजपा उम्मीदवार जीत सकते हैं।

गोवा में आमतौर पर भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से ही होता आया है हालांकि कुछ सीटों पर गोवा फॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी जैसे क्षेत्रीय दल भी भाजपा को चुनौती दे रहे हैं। लेकिन अब आम आदमी पार्टी, टीएमसी और शिवसेना जैसे दलों के चुनावी मैदान में उतरने के बाद यह माना जा रहा है कि कई सीटों पर मुकाबला बहुकोणीय हो सकता है। भाजपा विरोधी दल की ताकत का गहराई से विश्लेषण करने में लगी है। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की मौजदूगी के बावजूद भाजपा यह मान कर चल रही है कि राज्य में उसकी सीधी लड़ाई कांग्रेस से है। पंजाब और मणिपुर में भी उम्मीदवारों का चयन करते समय भाजपा इसी द्विस्तरीय रणनीति पर अमल करेगी।

 

(आईएएनएस)

Created On :   16 Nov 2021 3:31 PM IST

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