तेलंगाना उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता संतोष को एसआईटी के नोटिस पर रोक का समय बढ़ाया

Telangana High Court extends stay on SIT notice to BJP leader Santhosh
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता संतोष को एसआईटी के नोटिस पर रोक का समय बढ़ाया
तेलंगाना सियासत तेलंगाना उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता संतोष को एसआईटी के नोटिस पर रोक का समय बढ़ाया

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, संगठन, बीएल संतोष और केरल के डॉक्टर जग्गू स्वामी को विधायकों के अवैध शिकार मामले में जारी नोटिस पर रोक लगा दी। उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जारी नोटिसों पर रोक 22 दिसंबर तक बढ़ा दी है।

अदालत ने एसआईटी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत दोनों को जारी किए गए नोटिसों के संबंध में कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया। अदालत ने इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और डॉक्टर को जारी नोटिस पर 13 दिसंबर तक रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने रोक बढ़ा दी।

कोटिलिल नारायण जग्गू उर्फ जग्गू स्वामी ने भी जांच दल द्वारा उनके लिए जारी किए गए लुकआउट नोटिस को चुनौती दी थी। एसआईटी ने 22 नवंबर को जग्गू स्वामी को मामले में वांछित बताते हुए उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। अक्टूबर में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन कथित भाजपा एजेंटों के बीच हुई बातचीत में संतोष और जग्गू स्वामी का नाम सामने आया था, जो टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम का लालच देकर भाजपा के पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे। उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरूआत में तीन आरोपियों को जमानत दी थी।

रामचंद्र भारती, नंद कुमार और डी.पी.एस.के.वी. सिम्हायाजी को अदालत ने सशर्त जमानत दी थी। उन्हें 26 अक्टूबर की रात को हैदराबाद के पास मोइनाबाद के एक फार्महाउस से साइबराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जब वह कथित तौर पर टीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम का लालच देने की कोशिश कर रहे थे। साइबराबाद पुलिस ने एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर छापा मारा। रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की।

एसआईटी ने सनसनीखेज मामले में संतोष, तुषार वेल्लापल्ली, जग्गू स्वामी और अधिवक्ता बी. श्रीनिवास को अन्य आरोपियों के रूप में जोड़ा है। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 171बी आर/डब्ल्यू 171ई (रिश्वत), 506 आर/डब्ल्यू 34 (आपराधिक धमकी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

(आईएएनएस)

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Created On :   13 Dec 2022 5:30 PM GMT

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