विपक्ष से घिरे गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा- महादेई को डायवर्ट करने की सहमति कभी नहीं दी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
गोवा विपक्ष से घिरे गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा- महादेई को डायवर्ट करने की सहमति कभी नहीं दी
हाईलाइट
  • कर्नाटक की ओर मोड़ने की अनुमति दी

डिजिटल डेस्क, पणजी। महादेई मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष के निशाने पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि उन्होंने महादेई को डायवर्ट करने की सहमति नहीं दी है और न कभी देंगे।

जनवरी में, बेलगावी में एक रैली के दौरान शाह ने कहा था, आज, मैं यहां आपको यह बताने के लिए आया हूं कि केंद्र में भाजपा ने महादेई को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच लंबे विवाद को सुलझा लिया है और कई जिलों के किसानों की प्यास बुझाने के लिए महादेई को कर्नाटक की ओर मोड़ने की अनुमति दी है।

आप विधायक क्रूज सिल्वा, गोवा फॉरवर्ड विधायक विजय सरदेसाई और कांग्रेस विधायकों ने शाह के बयान पर प्रमोद सावंत पर हमला किया और उनसे सवाल किया कि केंद्रीय मंत्री ने जो कुछ भी कहा वह सही था या गलत, जिस पर सावंत ने जवाब दिया, हमने महादेई डायवर्जन की सहमति नहीं दी है और इसे कभी नहीं देंगे।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सरदेसाई ने कहा, इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया है कि केंद्रीय गृह मंत्री ने जनता से झूठ बोला है। हालांकि, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सफाई देते हुए कहा कि, मैंने ऐसा नहीं कहा है। महादेई मुद्दे पर राज्य सरकार के फैसले का बचाव करते हुए जल संसाधन मंत्री सुभाष शिरोडकर ने कहा कि वह इस मामले को हर स्तर पर मजबूती से लड़ रहे हैं। शिरोडकर ने कहा, चाहे यह प्रशासन के स्तर पर हो या न्यायपालिका के स्तर पर, हम सभी उपाय कर रहे हैं। महादेई से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अगली सुनवाई जुलाई में है।

शिरोडकर ने सदन को सूचित किया कि कर्नाटक राज्य परिषद ने सर्वोच्च न्यायालय में स्पष्ट प्रतिबद्धता व्यक्त की है कि कोई निर्माण (पानी के मोड़ के लिए) नहीं किया जाएगा। शिरोडकर ने कहा, यह मामला विचाराधीन है। दूसरा, उन्हें विभिन्न अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी, जिनमें एक प्रमुख गोवा का वन्यजीव वार्डन है।

इस पर सरदेसाई ने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (कर्नाटक की) में कहा गया है कि पर्यावरण और वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण मंजूरी की छूट जारी की है। जल संसाधन विकास मंत्री सुभाष शिरोडकर के अनुसार पीने के उद्देश्यों के लिए पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, सरकार पर आगे हमला करते हुए सरदेसाई ने कहा कि गृह मंत्री ने किसानों (पानी देने) की बात की थी, न कि पीने के पानी की।

जब आप विधायक क्रूज सिल्वा ने शाह के बयान पर सवाल उठाया तो शिरोडकर ने कहा कि चुनाव के समय नेता कुछ भी बोल सकते हैं। शिरोडकर ने कहा, हम इस तरह के बयानों का संज्ञान लेकर काम नहीं करते हैं। हम महादेई को बचाने और डायवर्जन का विरोध करने के लिए काम कर रहे हैं। क्रूज ने कहा कि कर्नाटक ने उल्लंघन किया है और कर्नाटक की ओर से पंपों का उपयोग करके पानी उठाने की गतिविधियां चल रही हैं। गोवा सरकार तभी जागती है जब मीडिया उल्लंघनों पर ध्यान देता है।

शिरोडकर ने कहा- हम इस बारे में बहुत सतर्क हैं। डीपीआर स्वीकृत होने के बाद, हमने इसे वापस लेने और अन्य अनुमति न देने के लिए लगभग सात एजेंसियों को पत्र लिखा है। हमारे चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन ने कर्नाटक प्रोजेक्ट एजेंसी के एमडी को नोटिस जारी किया है। डीपीआर में कहा गया है कि वाटर पंप लगाने से पर्यावरण, वनस्पतियों और जीवों को नुकसान होगा। गोवा और कर्नाटक वर्तमान में केंद्रीय न्यायाधिकरण में महादेई नदी के पानी पर कलासा-बंडूरी बांध परियोजना के विवाद से जूझ रहे हैं।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   28 March 2023 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story