कल नरमी आज गरमी, पवार और राउत के बीच ऐसा क्या पका कि बागियों के बयानों और खतों के बाद तीखे तेवर में नजर आए संजय राउत और शिवसेना
- अब जो भी होगा वह फ्लोर पर होगा और मुंबई में होगा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के सियासी घमासान में शिवसेना नेता सांसद संजय राउत के बयान ने गरमाहट पैदा कर दी है। दरअसल राउत ने नरम बयानों के बाद आज एक अहम बयान दिया हैं। संजय ने बागी नेता एकनाथ शिंदे के विधायक समूह पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्होंने बेहद गलत काम किया हैं। सांसद ने आगे कहा हमें सत्ता खोने का डर नहीं है लेकिन हम सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ते रहेंगे,और हम जीतेंगे भी, हम हार मानने वालों में से नहीं हैं।
राउत का ये बयान कल के बयान के उलट आया, कल उन्होंने कहा शिवसेना महाविकास अघाडी संगठन को छोड़ने के लिए तैयार है, इस पर एनसीपी और कांग्रेस में तहलका मचा,एनसीपी नेताओं ने राउत के बयान के बाद बैठके की, संजय राउत ने एनसीपी नेता पवार से मुलाकात करने के बाद तीखे लहजों में बागी विधायकों के समूह पर हमला किया और कहा अब जो भी होगा वह फ्लोर पर होगा। और मुंबई में होगा।
क्या हो सकता है ?
बयानों और बागियों के इस सियासी ड्रामा के बीच उपसभापति शिवसेना विधायकों को पृथक पृथक पत्र जारी कर सदन में अपना पक्ष रखने को कह सकते हैँ। ऐसे में सभी बागी विधायकों को मुंबई में आने पड़ सकता है ,तभी सियासी ड्रामा की हकीकत सामने आएंगी।
इधर शिवसेना भी बागी विधायकों पर कार्यवाही करने के मूड़ में आ गई हैं। शिवसेना प्रमुख व सीएम उद्धव ठाकरे ने 16 विधायकों को अमान्य करने के लिए विधानसभा डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखी हैं। इसे शिवसेना की तरफ से एक नया दांव माना जा रहा है , क्योंकि एक तरफ शिंदे अपने पक्ष में 37 से अधिक शिवसेना विधायकों के होने का दांवा ठोंक रहा है, वहीं शिवसेना केवस 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करवाने की पहल क्यों कर रहा हैं।
सांसद राउत ने बागी समूह को चैलेंज देते हुए कहा कि वह महाराष्ट्र में आएं और बहुमत साबित करके दिखाएं इससे पहले संजय राउत ने उन्हें 24 घंटे का टाइम देते हुए महाराष्ट्र वापस आने के साथ एमवीए गठबंधन से अलग होने को कहा, लेकिन आज पवार से मुलाकात के बाद राउत के तेवर बदले हुए नजर आए। सांसद राउत ने कहा सत्ता जाने से ज्यादा कुछ नहीं होगा। लेकिन हम झुकेंगे नहीं, ना सत्ता खोने का डर और गम पाले रखेंगे।
भले ही शिवसेना नेता राउत बागी विधायकों को चेतावनी दे रहे हों। लेकिन उनकी चेतावनी और रिक्वेस्ट दोनों का असर बागियों की सेहत पर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण एक नाथ के साथ 47 से अधिक विधायकों के साथ होने का दांवा हैं। इस दांवे में कई और शिवसेना विधायकों के आने की खबर हैं। खबरों के मुताबिर ठाणे के कई स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता के साथ कई पार्षद भी शिंदे के साथ आने का दांवा कर रहे हैं।
Created On :   24 Jun 2022 3:07 PM IST