सिसोदिया ने सीबीआई को लिखा पत्र, शराब नीति पर पूर्व एलजी ने रुख क्यों बदला, जांच हो

Sisodia wrote a letter to the CBI, why the former LG changed his stand on the liquor policy, investigation should be done
सिसोदिया ने सीबीआई को लिखा पत्र, शराब नीति पर पूर्व एलजी ने रुख क्यों बदला, जांच हो
दिल्ली सरकार सिसोदिया ने सीबीआई को लिखा पत्र, शराब नीति पर पूर्व एलजी ने रुख क्यों बदला, जांच हो

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सीबीआई को पत्र लिखकर जांच की मांग की है कि राजधानी की अनधिकृत कॉलोनियों में शराब की दुकानें खोले जाने को लेकर पूर्व एलजी अनिल बैजल ने ते रुख बदल लिया। सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया, पिछले नवंबर में सभी शराब की दुकानों को खोलने के 48 घंटे पहले निर्णय क्यों बदला गया था? किन दुकानदारों को फायदा हुआ और किसके दबाव में एलजी ने अपना फैसला पलटा, इन सभी का जवाब दिया जाना चाहिए।

पूर्व एलजी के अचानक फैसला बदलने के कारण करीब 300-350 दुकानें नहीं खुलीं। जिन लोगों ने यह फैसला लिया, उनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने अवैध इलाकों में शराब की दुकानें खोलने पर पूर्व एलजी के रुख में बदलाव की जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा है। डिप्टी सीएम ने कहा कि आप सरकार ने मई 2021 में नई आबकारी नीति पारित की थी, जिसके अनुसार पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खुलनी थीं।

उन्होंने कहा, लेकिन नीति में शराब की दुकानों को समान रूप से वितरित नहीं किया गया, इसलिए हमने प्रत्येक वार्ड में शराब की दुकानों के समान वितरण पर विशेष जोर दिया। सिसोदिया ने कहा कि जब फाइल पूर्व एलजी बैजल को भेजी गई, तो उन्होंने कई बातों का सुझाव दिया, जिन पर विचार किया गया और बाद में पिछले साल जून में उन्हें फिर से फाइल भेजी गई और उन्होंने मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि नई नीति में इस बात पर जोर दिया गया है कि यदि शराब की दुकानों का समान रूप से आवंटन किया जाता, तो प्रत्येक वार्ड में 2-3 दुकानें होतीं।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पूर्व उपराज्यपाल ने जब उन्हें फाइल भेजी गई थी, तब उन्होंने अनधिकृत क्षेत्र में शराब की दुकानें खोलने के संबंध में कोई आपत्ति नहीं की थी। लेकिन, नवंबर के पहले सप्ताह में जब उन्हें दुकानें खोलने संबंधी फाइल भेजी गई तो उन्होंने अचानक अपना रुख बदल लिया। 17 नवंबर से दुकानें खुलने वाली थीं, लेकिन एलजी ने 15 नवंबर को शर्त रखी कि अनधिकृत इलाकों में दुकानें खोलने के लिए डीडीए की मंजूरी जरूरी है, जबकि इससे पहले एलजी वहां की दुकानें खोलने की मंजूरी देते रहे हैं।

पुरानी नीति के तहत जहां अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें भी थीं, वह भी नहीं खुलीं। उसके बाद वेंडर कोर्ट गए और कोर्ट ने सरकार को उनकी लाइसेंस फीस वापस करने का आदेश दिया, जिससे सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सिसोदिया ने कहा, ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि एलजी ने सरकार और कैबिनेट से सलाह किए बिना अपना रुख बदल दिया। इससे जानबूझकर कुछ दुकानदारों को फायदा पहुंचाया गया। इसलिए हम इसे सीबीआई को भेज रहे हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   6 Aug 2022 4:30 PM IST

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