भर्ती घोटाले को लेकर तृणमूल में घमासान

Ruckus in Trinamool over recruitment scam
भर्ती घोटाले को लेकर तृणमूल में घमासान
पश्चिम बंगाल सियासत भर्ती घोटाले को लेकर तृणमूल में घमासान

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) की भर्ती में अनियमितताओं और मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच को लेकर चल रहे विवाद राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह को बढ़ा रहे हैं। मंगलवार को, तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पार्टी के प्रवक्ता, कुणाल घोष ने अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी महासचिव और पूर्व राज्य शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (वर्तमान में राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री) को डब्ल्यूबीएसएससी घोटाले के लिए जवाबदेह ठहराया।

शनिवार की सुबह, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में एक वरिष्ठ सदस्य, फिरहाद हकीम, चटर्जी के बचाव में आगे आए, इस तरह के सवाल उठाने में घोष के अधिकार पर सवाल उठाया। राज्य के परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के महापौर, हाकिम ने मीडियाकर्मियों को बताया, कुणाल राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य नहीं हैं। सरकार चलाना सभी कैबिनेट सदस्यों की संयुक्त जिम्मेदारी है। मैं भी कैबिनेट का सदस्य हूं। मैं दूसरों के बारे में नहीं बोल सकता। लेकिन यह सिर्फ पार्थ से संबंधित मामला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि एक विभाग चलाना एक विशाल मामला है, इसलिए संबंधित मंत्री के लिए हर मिनट के विवरण से अवगत रहना हमेशा संभव नहीं होता है।

मैं केएमसी का मेयर हूं। लेकिन मेरे लिए यह जानना हमेशा संभव नहीं है कि मूल्यांकन विभाग में कौन सा अधिकारी अनैतिक गतिविधियों का सहारा ले रहा है। इसी तरह, पार्थ चटर्जी का डब्ल्यूबीएसएससी घोटाले से कोई संबंध नहीं है। विभागीय जांच की एक प्रक्रिया है जिसका पालन किया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस का कोई भी मंत्री किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल नहीं है। मैं भी पार्थ चटर्जी की तरह एक कैबिनेट मंत्री हूं। इसलिए, यदि किसी विभाग पर कोई घोटाला होता है, तो जिम्मेदारी मेरे सहित कैबिनेट के सभी सदस्यों पर होती है। हम एक टीम की तरह काम करते हैं।

शुक्रवार शाम को, घोष ने राज्य के वर्तमान शिक्षा मंत्री, ब्रत्य बसु को क्लीन चिट दी, लेकिन चटर्जी के बारे में समान विचार व्यक्त करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने चौंकाने वाला बयान तब दिया जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या चटर्जी के कार्यकाल में ऐसी अनियमितताएं हो सकती थीं। घोष ने कहा, यह जवाब पार्थ चटर्जी ही दे सकते हैं, जो तत्कालीन शिक्षा मंत्री और पार्टी के महासचिव भी थे। मैं इस पर कोई टिप्पणी करने में असमर्थ हूं। हालांकि, शनिवार को घोष ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली। घोष ने शनिवार को कहा, चटर्जी के साथ मेरा रिश्ता बहुत पुराना है। फिरहाद हकीम ने जो कहा है वह सही है। मैंने किसी को जिम्मेदारी नहीं सौंपी।

(आईएएनएस)

Created On :   10 April 2022 12:00 AM IST

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