बसपा विधायकों का बयान, कहा- सदस्यता बचाने के लिए किसी भी पार्टी से हाथ मिलाने को तैयार है

Rajasthans BSP MLA said, ready to join hands with any party to save membership
बसपा विधायकों का बयान, कहा- सदस्यता बचाने के लिए किसी भी पार्टी से हाथ मिलाने को तैयार है
राजस्थान बसपा विधायकों का बयान, कहा- सदस्यता बचाने के लिए किसी भी पार्टी से हाथ मिलाने को तैयार है
हाईलाइट
  • चार विधायक 2019 में कांग्रेस में हुए थे शामिल

डिजिटल डेस्क, जयपुर। 2019 में कांग्रेस में शामिल होने वाले बहुजन समाज पार्टी के चार विधायक दलबदल विरोधी कानून की याचिका पर जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से नोटिस मिलने के बाद बुधवार रात दिल्ली पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि वे अपनी विधायिका का दर्जा बचाने के लिए किसी भी पार्टी से हाथ मिलाएंगे। इन विधायकों में राजेंद्र सिंह गुडा, वाजिब अली, संदीप कुमार और लखन सिंह शामिल हैं।

वाजिब अली ने कहा, इस राजनीतिक चुनौती को दिल्ली में सुलझाया जा सकता है और इसलिए हम दिल्ली जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब देने के लिए कानूनी राय लेने के अलावा हम वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे। इन चार विधायकों के अलावा बसपा के दो अन्य विधायक जोगिंदर सिंह अवाना और दीपचंद खैरिया कांग्रेस में शामिल हुए थे, वे दिल्ली नहीं गए हैं। इन दोनों विधायकों ने बुधवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और कांग्रेस को अपना समर्थन सुनिश्चित किया। गौरतलब है कि बसपा ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अपने विधायकों के कांग्रेस में विलय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन विधायकों को चार हफ्ते के भीतर अपना अंतिम जवाब देने को कहा था।

बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक राजेंद्र सिंह गुडा ने कहा, सदस्यता बचाने के कानूनी रास्ते तलाशने के लिए हम दिल्ली जा रहे हैं। हमारे तीन साथी पहले से ही दिल्ली में थे। अब हमारे पास कोई घर या जगह नहीं होगी। अब हमारी प्राथमिकता सदस्यता बचाने की है। विधायक संदीप यादव और वाजिब अली ने कहा, सदस्यता बचाना हमारी प्राथमिकता है। लोगों ने हमें चुना है और इसलिए हम किसी भी कीमत पर सदस्यता नहीं खोएंगे। मायावती, अमित शाह या राहुल गांधी जो भी हमें समर्थन देंगे, हम अपनी सदस्यता बचाने के लिए उनका ऑफर स्वीकार कर लेंगे।

राजस्थान में कांग्रेस के पास 100 विधायक हैं, और 16 निर्दलीय और 6 बसपा विधायकों का समर्थन है, जिससे यह आंकड़ा 116 तक पहुंचता है। यदि ये छह बाहर जाते हैं, तो भी सरकार सुरक्षित रहेगी। हालांकि, कांग्रेस के खेमे में गुटों के तेज होने और पायलट खेमे द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पदोन्नति की मांग के साथ दबाव निश्चित रूप से होगा।

(आईएएनएस)

Created On :   30 Sept 2021 12:30 PM IST

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