मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का किया रुख, अब निचली अदालत के फैसले को देंगे चुनौती

Rahul Gandhi moves the Gujarat High Court in the Modi surname case, will now challenge the decision of the lower court
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का किया रुख, अब निचली अदालत के फैसले को देंगे चुनौती
राहुल गांधी की मुश्किलें बरकरार मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का किया रुख, अब निचली अदालत के फैसले को देंगे चुनौती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में सूरत सेशन कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने मंगलवार को मोदी सरनेम मामले में मिली सजा पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट में निचली अदालत के फैसलों को चुनौती दी है। राहुल गांधी की इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावनाएं हैं। बता दें कि, 20 अप्रैल को सूरत की सत्र अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि केस में 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। ऐसे में अगर हाई कोर्ट निचली अदालतों के फैसले को खारिज कर देती है तो उनके लोकसभा सदस्यता का बहाल होने का रास्ता साफ हो सकता है।

इससे पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट के 23 मार्च को दिए गए फैसले को चुनौती देते हुए राहुल गांधी ने बीते गुरुवार को सेशंस कोर्ट में अपील दाखिल की थी। गौरतलब है कि, सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई। गुजरात की हाई कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले 3 अप्रैल को राहुल गांधी ने निचली अदालत में फैसले को चुनौती देते हुए अर्जी दायर की थी। फिर 13 अप्रैल को अदालत के जज ने 5 घंटे से अधिक समय तक दोनों की ओर से दी गई दलीलों को सुना। लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका को भी 20 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था।

इस दौरान जज आरपी मोगेरा ने कहा था कि राहुल गांधी के बयान से शिकायतकर्ता के मन-मस्तिष्क पर गहरी चोट पहुंची है। अदालत ने यह भी कहा था,' इसमें कोई दोराय नहीं है कि याचिकाकर्ता संसद के सदस्य थे और दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें अपने बयान को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए। जिससे की लोगों के दिमाग पर कोई असर न पड़े। अपीलकर्ता के मुंह से निकले कोई भी अपमानजनक शब्द पीड़ित व्यक्ति को मानसिक पीड़ा देने के लिए पर्याप्त हैं।'

ये है पूरा मामला

दरअसल यह पूरा मामला राहुल गांधी के एक बयान से जुड़ा हुआ है। उन्होंने 13 अप्रैल 2019 में को कर्नाटक के कोलार जिले में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था, "सभी चोरों के उपनाम मोदी ही क्यों है?" जिसके बाद भाजपा के पूर्व विधायक पूर्णेश मोदी ने कांग्रेस नेता के बयान के खिलाफ मानहानि का दावा किया था। फिर मोदी सरनेम मामले में 23 मार्च को सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल कैद की की सजा सुनाई थी। हालांकि कुछ देर बाद ही उन्हें जमानत भी दे दी गई थी।

सजा मिलने के अगले दिन राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। जिसके बाद 27 मार्च को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस मिला था कि वो एक महीने में अपना सरकारी अवास खाली कर दें। नोटिस मिलने के बाद राहुल ने लोकसभा सेक्रेटरी को लेटर लिखकर कहा था कि सरकारी बंगले से उनकी बहुत सारी यादें जुड़ी हुई हैं। उनका यहां पर बहुत अच्छा समय बिता है। लेकिन आपके द्वारा दिए गए नोटिस का मैं पालन करूंगा। राहुल गांधी को यह बंगला साल 2005 में अलॉट किया गया था। वे इस घर में 19 साल से ज्यादा समय तक रहे थे।हालांकि, 22 अप्रैल को राहुल गांधी ने नोटिस के आखिरी दिन अपना सरकारी घर खाली कर दिया। 

Created On :   25 April 2023 10:25 PM IST

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