राहुल गांधी ने सरकार को भारत जोड़ो यात्रा रोकने की चुनौती दी

Rahul Gandhi dares the government to stop the Bharat Jodo Yatra
राहुल गांधी ने सरकार को भारत जोड़ो यात्रा रोकने की चुनौती दी
राहुल का वार राहुल गांधी ने सरकार को भारत जोड़ो यात्रा रोकने की चुनौती दी

डिजिटल डेस्क, अकोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को सरकार को चुनौती दी कि वो भारत जोड़ो यात्रा रोक कर दिखाए।

बालासाहेबंची शिवसेना (बीएसएस) के कुछ नेताओं द्वारा यात्रा की जरूरत पर सवाल उठाने का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इसका मकसद देश को जोड़ना, जनता की आवाज को सुनना और प्रेम का संदेश फैलाना है।

गांधी ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, अगर सरकार को अब भी लगता है कि वे इसे रोकना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करने दें.. कोई बात नहीं। मैंने इसे कन्याकुमारी से कश्मीर तक जारी रखने और श्रीनगर में तिरंगा फहराने का फैसला किया है।

राहुल गांधी भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें कहा गया था जब देश विभाजित नहीं है, तो इसे एकजुट करने की जरूरत कहां है। गांधी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में देश का माहौल पूरी तरह से बदल गया है, चारों ओर नफरत देखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा उन लोगों की विचारधारा का मुकाबला कर रहा है जो नफरत फैलाते हैं। नफरत देश को कमजोर बनाती है जबकि प्यार इसे मजबूत करता है।

लाखों लोग यात्रा में शामिल हो रहे हैं.. किसान, मजदूर, युवा, दुकानदार, महिलाएं। वो यात्रा के दौरान अपने मुद्दे, समस्याएं, दर्द और पीड़ा के बारे में बताते हैं। मैं बहुत कुछ सीख रहा हूं, हमें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। लोग हम पर प्यार बरसा रहे हैं, राहुल गांधी ने कहा।

वी.डी. सावरकर के मुद्दे का हवाला देते हुए गांधी ने एक कागज लहराया और क्रांतिकारी नेता द्वारा ब्रिटिश सरकार को लिखे गए एक पत्र को पढ़ा, जिसमें कहा गया था कि वह (सावरकर) औपनिवेशिक शासकों का सेवक बनना चाहते थे।

मैंने क्या गलत कहा है? मैंने केवल इतिहास प्रस्तुत किया है। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और दूसरे नेताओं को भी अंग्रेजों ने वर्षों तक जेल में डाला था, लेकिन उन्होंने (ऐसे) पत्र लिखकर अपनी रिहाई की मांग तो नहीं की थी, गांधी ने बताया।

उन्होंने कहा कि वह यात्रा के दौरान देश के किसानों, श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं की आवाज सुन रहे हैं, जिसे भारत सरकार नहीं सुन रही है और कैसे विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।

जब भी हम, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संसद में नोटबंदी, अर्थव्यवस्था, जीएसटी, मुद्रास्फीति, चीन जैसी चिंताओं को उठाने का प्रयास करते हैं, तो माइक बंद कर दिया जाता है, राहुल गांधी ने कहा।

उन्होंने कहा कि यात्रा के जरिए वह इन सभी सवालों को उजागर कर रहे हैं और जान पा रहे हैं कि किस तरह लोग भय, नफरत और हिंसा के साये में जी रहे हैं।

यात्रा के दौरान लोगों की प्रमुख समस्याओं को सुनते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये देश के किसानों और युवाओं से संबंधित हैं, जो महसूस करते हैं कि उनका कोई भविष्य नहीं है, लेकिन वह सरकार से सवाल कर रहे थे और जवाब मांग रहे थे।

किसान संकट में हैं, उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलता, कोई मुआवजा नहीं, ऋण माफी या फसल नुकसान के लिए बीमा दावे नहीं मिलते। जब (पूर्व) यूपीए सरकार सत्ता में थी, हमने किसानों को हर तरह से मदद की। देश के युवा चिंतित हैं क्योंकि एडुकेशन लोन लेकर आवश्यक योग्यता और कौशल हासिल करने के बाद भी नौकरी की कोई गारंटी नहीं है, गांधी ने कहा।

उन्होंने कहा कि अगर किसानों की आत्महत्याओं को रोकना है तो उन्हें उचित समर्थन और समय पर मदद देनी होगी। वे ही देश का पेट भरने वाले लोग हैं और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वे उनके पीछे खड़े हों, जैसा कि यूपीए सरकार ने किया था।

देश के युवा भी हताश और निराश हैं। वो कहते हैं कि वे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं है कि उन्हें नौकरी मिलेगी। उनके माता-पिता कड़ी मेहनत करते हैं, उधार लेते हैं और शिक्षा के लिए निजी कॉलेज पर खर्च करते हैं। महंगाई बहुत अधिक है, और उनके बच्चों के लिए कोई नौकरी नहीं होने से भविष्य अंधकारमय है। सरकार इस सब पर ध्यान नहीं दे रही है, गांधी ने कहा।

महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पैसे के बल पर देश में विपक्षी दलों को खत्म करने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

शिवसेना-यूबीटी विधायकों को 50 करोड़ रुपये दिए गए और प्रतिद्वंद्वी खेमे में ले लिया गया। भ्रष्ट लोग वहां जा रहे हैं और विपक्षी दलों को खत्म करने के प्रयास जारी हैं। लेकिन देश में अच्छे और ईमानदार लोगों की कोई कमी नहीं है।

कांग्रेस सांसद मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में सवाल का जवाब दे रहे थे। पार्टी के शीर्ष नेता -- के.सी. वेणुगोपाल, जयराम रमेश, एच.के. पाटिल, आशीष दुआ, नाना पटोले, बालासाहेब थोराट, अतुल लोंधे, डॉ. राजू वाघमारे, कपिल ढोके, डॉ. सुधीर डोन भी वहां मौजूद थे।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   17 Nov 2022 7:32 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story