प्रियंका होंगी यूपी में चुनावी प्रचार का चेहरा, बीजेपी कांग्रेस से डरी हुई है
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दल चुनावी प्रचार शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस ने भी बीते शुक्रवार को 20 सदस्यीय चुनाव प्रचार अभियान समिति का प्रमुख नामित किया है। कांग्रेस की चुनाव प्रचार अभियान समिति के नवनियुक्त प्रमुख पी.एल पुनिया ने रविवार को कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान चेहरा होंगी और वह अभी राज्य में सबसे लोकप्रिय राजनीतिक शख्सियत हैं। बता दें कि पुनिया ने कहा, कांग्रेस बहुत विरले ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करती है और अभी तक इसकी घोषणा नहीं करने से पार्टी की संभावनाओं पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसके पास बीजेपी के खिलाफ प्रचार अभियान की कमान संभालने के लिए प्रियंका गांधी जैसी शख्सियत हैं। प्रियंका गांधी हाल ही में वाराणसी से यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर चुकी हैं।
यूपी में कांग्रेस और बीजेपी का टक्कर
आपको बता दें कि पीएल. एल. पुनिया ने दावा किया कि यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी का सीधा टक्कर है। सपा और बसपा दोनों पिछड़ गए हैं। और वे अब मुकाबले से बाहर हैं। पुनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी ही एकमात्र नेता है, जो यूपी में सच के लिए लड़ी हैं, लखीमपुर खीरी कांड को लेकर वो तुरंत सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी। यहां तक जब प्रियंका पीड़ित परिवार से मिलना चाहीं, तब उन्हें सीतापुर में हिरासत में रखा गया। लेकिन वह संघर्ष जारी रखीं और न्याय के लिए अड़ी रहीं तथा पीड़ित परिवार से मिलकर ही दम ली।
प्रियंका न्याय के लड़ी
पी.एल.पुनिया ने कहा कि चाहे सोनभद्र की घटना हो, उन्नाव या हाथरस की घटनाएं हों, प्रियंका गांधी न्याय के लिए हमेशा लड़ी हैं। इसलिए लोग और अभी पूरा राज्य उनसे प्रभावित है। जहां तक यह सवाल है कि चुनाव प्रचार अभियान किसके इर्द- गिर्द होगा तो हम सौभाग्यशाली हैं कि प्रियंका गांधी हर समय प्रचार अभियान के लिए उपलब्ध हैं। पुनिया ने कहा कि अन्य राज्यों से भी मांग रहती है कि प्रचार अभियान के लिए प्रियंका गांधी आएं और एक या दो सभाएं करें, लेकिन उत्तर प्रदेश में वह चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं।
बीजेपी हिंदू-मुसलमान में बांटती है
कांग्रेस नेता पुनिया ने कहा कि बीजेपी लोगों को हिंदू-मुसलमान में बांटती है। अपने आप को हिंदुओं का इकलौता शुभचिंतक पेश करते हैं। वे यह सब प्रयास करेंगे लेकिन यह पुरानी रणनीति हो गई है, लोग महंगाई और विकास जैसे मुद्दों को लेकर चिंतित हैं और वे योगी आदित्यनाथ के ध्रुवीकरण के झांसे में नहीं फंसेंगे।
Created On :   17 Oct 2021 10:50 PM IST