राष्ट्रपति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बंगाल के मंत्री के खिलाफ कार्रवाई का दबाव

Pressure for action against Bengal minister for derogatory remarks about the President
राष्ट्रपति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बंगाल के मंत्री के खिलाफ कार्रवाई का दबाव
राजनीति राष्ट्रपति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बंगाल के मंत्री के खिलाफ कार्रवाई का दबाव

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए पार्टी विधायक और पश्चिम बंगाल राज्य मंत्री अखिल गिरि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए तृणमूल कांग्रेस के भीतर आंतरिक दबाव बढ़ने लगा है।

तृणमूल कांग्रेस विधायक और पश्चिम बंगाल के खाद्य राज्य मंत्री ज्योत्सना मंडी, जो खुद एक आदिवासी पृष्ठभूमि से हैं, ने शिकायत की है।

मंडी ने कहा, एक आदिवासी पृष्ठभूमि से आने वाली महिला होने के नाते मैं अखिल गिरी द्वारा की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती हूं। मेरे जैसे लोग जो राजनीति में हैं और एक राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें सावधान रहना चाहिए कि उनके बयानों से दूसरों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। मैं अखिल गिरि द्वारा की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती हूं, लेकिन जहां तक मैं जानती हूं मेरी पार्टी उनकी टिप्पणियों की निंदा नहीं करती है।

रविवार की शाम को जब मंडी बांकुरा जिले के आदिवासी बहुल खतरा क्षेत्र का दौरा करने गई, तो उन्हें स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने उनके वाहन का रास्ता रोक दिया और प्रदर्शन किया।

उत्तेजित भीड़ को शांत करने में विफल रहने पर, मंडी अंतत: अपने वाहन से उतर गई और क्षेत्र से दूर चली गई।

आदिवासी विकास राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा, जो आदिवासी समुदाय से हैं, ने भी गिरि की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की।

उन्होंने कहा, किसी के रूप और जाति का जिक्र करते हुए कोई भी टिप्पणी करना बेहद अनुचित है। राजनीति में लोगों को सार्वजनिक मंचों पर इस्तेमाल होने वाले शब्दों से अधिक सावधान रहना चाहिए।

लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि गिरि के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर तृणमूल नेतृत्व फैसला करेगा।

पार्टी ने पहले ही गिरि के बयान की निंदा करते हुए एक बयान जारी कर दिया है। और उनके खिलाफ आगे की सभी कार्रवाइयां, चाहे मंत्री पद से हटाने या निलंबन या राष्ट्रपति को माफी पत्र लिखने के लिए हो, पार्टी नेतृत्व द्वारा उचित समय पर तय किया जाएगा।

साथ ही सोमवार को एक वकील ने मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव का ध्यान आकर्षित किया और याचिका दायर करने की अनुमति मांगी।

मुख्यमंत्री ने अधिवक्ता को इस मामले में जनहित याचिका दायर करने की अनुमति दी है और यह भी आश्वासन दिया है कि मामले की तेजी से सुनवाई करने की याचिका पर भी विचार किया जाएगा।

 

 (आईएएनएस)।

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Created On :   14 Nov 2022 1:30 PM IST

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