बंगाल में राष्ट्रपति शासन की जरूरत : दिलीप घोष
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए अब पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने का सही समय है। यहां केंद्रीय मंत्रियों के काफिले को भी नहीं बख्शा जाता है। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने कही। उन्होंने शनिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर किए गए हमले का जिक्र करते हुए मीडियाकर्मियों से कहा कि हमले में केंद्रीय मंत्री के निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
मुख्यमंत्री राज्य में आगामी पंचायत चुनावों के परिणामों को लेकर चिंतित हैं। वह और उनकी पार्टी राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली में बिना किसी मुकाबले के सभी सीटों पर कब्जा करना चाहती हैं। राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति और पुलिस प्रशासन की प्रभावशीलता तब समझ में आती है, जब मंत्री के वाहन पर हमला होने पर पुलिस निष्क्रिय रहती है। इसलिए मुझे लगता है कि राज्य में धारा 356 लगाने का समय आ गया है। उनके अनुसार, मुख्यमंत्री अपनी पार्टी और प्रशासन पर अपनी पकड़ खोती दिख रही हैं, जो केंद्रीय मंत्री के काफिले पर हुए हालिया हमले से स्पष्ट है।
घोष ने कहा, ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी का बुनियादी ढांचा ढह रहा ह,ै क्योंकि पार्टी के नेता राज्य में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने के कारण सलाखों के पीछे जा रहे हैं। हालांकि, साथ ही उन्होंने इस बात पर भी संदेह जताया कि क्या केंद्र सरकार अनुच्छेद 356 लागू करने के मामले पर आखिरकार राजी होगी या नहीं। केंद्र सरकार इससे सहमत होगी या नहीं, यह उनका मामला है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसा करना जरूरी है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने घोष के तर्कों को खारिज करते हुए दावा किया कि आजकल कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता, क्योंकि सभी जानते हैं कि वह केवल बकवास करते हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   26 Feb 2023 10:30 AM GMT