पन्नीरसेल्वम ने मुल्लापेरियार डेम पर द्रमुक सहयोगियों की चुप्पी पर उठाया सवाल

Panneerselvam questions the silence of DMK allies on Mullaperiyar Dam
पन्नीरसेल्वम ने मुल्लापेरियार डेम पर द्रमुक सहयोगियों की चुप्पी पर उठाया सवाल
तमिलनाडु पन्नीरसेल्वम ने मुल्लापेरियार डेम पर द्रमुक सहयोगियों की चुप्पी पर उठाया सवाल
हाईलाइट
  • केरल डैम मरम्मत कार्य करने से तमिलनाडु को नहीं रोक सकता

डिजिटल डेस्क,चेन्नई । मुल्लापेरियार बांध जल भंडारण मुद्दे पर सत्तारूढ़ द्रमुक सहयोगियों के चुप्पी पर सवाल उठाते हुए अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन से मामले पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि तमिलनाडु को केरल सरकार के साथ नए बांध के निर्माण पर कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टालिन को केरल सरकार के उस आदेश पर भी कड़ा सवाल उठाना चाहिए, जो मुल्लापेरियार बेबी डैम को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों में बाधक है।

केरल सरकार ने पेड़ काटने के आदेश पर रोक लगा दी है और अनुमति देने वाले अधिकारी को निलंबित भी कर दिया है।पन्नीरसेल्वम के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि केरल सरकार को बांध को मजबूत करने में अपना सहयोग देना चाहिए और प्रधान मुख्य वन संरक्षक बेनीचेन पी थॉमस को निलंबित करने की उसकी कार्रवाई अदालत की अवमानना थी।

अन्नाद्रमुक नेता ने कहा कि इस मुद्दे पर द्रमुक के सहयोगियों जैसे कम्युनिस्ट पार्टियों, कांग्रेस और अन्य की चुप्पी ने लोगों और राज्य के किसानों को महसूस कराया कि वे केरल सरकार का समर्थन कर रहे हैं। पन्नीरसेल्वम ने कहा इस मुद्दे पर चुप रहना केरल के साथ राज्य के हितों को गिरवी रखने के समान है।

त्रावणकोर के तत्कालीन महाराजा और तत्कालीन ब्रिटिश शासकों के बीच 1886 के समझौते के तहत बनाए गए बांध को लेकर केरल और तमिलनाडु आमने-सामने हैं। हालांकि बांध केरल में स्थित है, लेकिन इसका स्वामित्व रखरखाव और संचालन तमिलनाडु के पास है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई 2014 को तमिलनाडु के पक्ष में फैसला सुनाया था और राज्य को बांध में जल स्तर को 136 फीट के अपने पहले के भंडारण स्तर से 142 फीट तक बढ़ाने की अनुमति दी थी। 2012 में, सुप्रीम कोर्ट की अधिकार प्राप्त समिति ने कहा था कि मुल्लापेरियार बांध संरचनात्मक रूप से सुरक्षित है। 2006 में भी शीर्ष अदालत ने कहा था कि केरल तमिलनाडु को बांध में जल स्तर को 142 फीट तक बढ़ाने और मरम्मत कार्य करने से नहीं रोक सकता है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   13 Nov 2021 1:30 PM IST

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