पाकिस्तान के घातक हवाई हमलों ने तालिबान के साथ तनाव बढ़ाया
- वैचारिक और संगठनात्मक सहयोगी
डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान के अंदर सीमा पर संघर्ष और पाकिस्तानी हवाई हमलों ने युद्धग्रस्त देश में तालिबान शासन और पाकिस्तान के बीच पहले से ही मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है। आरएफई/आरएल ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान ने 16 अप्रैल को पूर्वी अफगानिस्तान पर हवाई हमले शुरू किए, जिसमें दर्जनों नागरिक मारे गए।
इस्लामाबाद ने कहा कि वह तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों को निशाना बना रहा है। हवाई हमलों ने असामान्य रूप से दोनों पक्षों में तनाव को और बढ़ा दिया है। तालिबान ने अपने लंबे समय के सहयोगी के खिलाफ धमकी जारी की। विशेषज्ञों ने कहा कि बढ़ते तनाव की जड़ टीटीपी पर नकेल कसने की तालिबान की अनिच्छा है, जो एक करीबी वैचारिक और संगठनात्मक सहयोगी है।
अफगानिस्तान के अंदर अपने ठिकानों से, चरमपंथी समूह ने हाल के वर्षो में इस्लामाबाद के खिलाफ अपने विद्रोह को तेज कर दिया है। अफगान तालिबान ने इस्लामाबाद और टीटीपी के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता की है, जिसे पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है। लेकिन चूंकि एक महीने तक चलने वाला एक अस्थायी युद्धविराम समाप्त हो गया और दिसंबर में शांति वार्ता विफल हो गई, इसलिए आतंकवादियों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ सीमा पार से अपने हमले बढ़ा दिए हैं।
एक अनुभवी अफगान पत्रकार और टिप्पणीकार सामी यूसुफजई ने कहा, पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि तालिबान एक पड़ोसी देश के लिए शत्रुतापूर्ण आतंकवादी समूह की मेजबानी कर रहा है। यूसुफजई ने कहा कि अफगान तालिबान के इस्लामाबाद की इस मांग के आगे झुकने की संभावना नहीं है कि वह टीटीपी को निष्कासित करे या उसे पाकिस्तान में हमले करने से अफगान क्षेत्र का उपयोग करने से रोके। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के इशारे पर एक साथी इस्लामी समूह के खिलाफ सैन्य हमले में शामिल होना तालिबान की कहानी और इतिहास के खिलाफ होगा।
(आईएएनएस)
Created On :   22 April 2022 3:31 PM IST