मोहन भागवत के जनसंख्या असंतुलन वाले बयान पर ओवैसी का पलटवार, कही ये बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एआईएमआईएम के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या अंसतुलन पर दिए बयान पर पलटवार किया है। ओवैसी ने कहा है कि मोहन भागवत मुसलमानों की आबादी को लेकर तो खूब बोलते हैं, लेकिन हिंदू बच्चियों की कन्या भ्रूण हत्या पर क्यों कुछ नहीं बोलते?
उन्होंने कहा कि आंकड़ो के अनुसार साल 2010 से लेकर 2019 तक लगभग 90 लाख हिंदू बच्चियां भ्रूण का हत्या शिकार हुईं हैं, संघ प्रमुख इस पर क्यों कुछ नहीं बोलते।
मुसलमानों की जनसंख्या को लेकर बोले
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोहन भागवत के जनसंख्या अनियंत्रण पर दिए बयान पर बोलते हुए कहा कि हाल ही में मोहन भागवत ने कहा था कि देश में धार्मिक असंतुलन हो रहा है। लेकिन सच बात तो यह है कि भारत में सबसे ज्यादा मुसलमानों की प्रजनन दर में कमी आई है। ओवैसी ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि सर्वे के 5वें रिकॉर्ड के मुताबिक, देश में मुसलमानों की कुल प्रजनन दर में अन्य समुदाय के मुकाबले सबसे ज्यादा कमी आई है। उन्होंने कहा कि साल 2020 में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि परिवार नियोजन की मजबूरी नहीं हो सकती और न हम ऐसा कुछ चाहते हैं। लेकिन, इसके उलट भागवत कहते हैं कि जनसंख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है।
बीजेपी ने ओवैसी को बताया बयान पुरुष
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैशी के इस बयान को लेकर बीजेपी ने उन पर निशाना साधा है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने ओवैसी को बयान पुरुष बताया है। शहनवाज ने कहा कि ओवैसी बयान पुरुष बन गए हैं। उनके ऐसे बयान देने का मकसद केवल विवाद खड़ा करना है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि कम जनसंख्या देश के लिए फायदेमंद है। जनसंख्या जितनी ज्यादा बढ़ती है उतनी ही अधिक समस्याएं पैदा होती हैं।
इसके अलावा हरियाणा की खट्टर सरकार में गृह मंत्री अनिल विज ने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर कहा कि अगर यह सच है कि देश में मुसलमानों की जनसंख्या कम हो रही है तो यह अच्छी बात है इसे और कम करके हम दो हमारे दो पर लाएं।
क्या था भागवत का बयान?
बता दें कि नागपुर में दशहरा के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमने 50 साल पहले जनसंख्या अंसतुलन के गंभीर परिणाम भुगते हैं, ये सिलसिला अभी भी जारी है। उन्होंने एक व्यापक जनसंख्या नीति का निर्माण करने पर जोर देते हुए कहा कि जनसंख्या पर एक ऐसी नीति बने जो सभी पर समान रुप से लागू हो। इसमें किसी को छूट न मिले और समाज द्वारा यह स्वीकार्य हो। भागवत ने स्माज द्वारा इस नीति को अपनाने के बारे में कहा कि इस जनसंख्या नीति को सभी समुदाय स्वीकार करना आवाश्यक है क्योंकि जनसंख्या नीति का निर्माण हो जाने के बाद भी समाज उसे अपनाए न तो फिर ऐसी नीति किस काम की?
Created On :   9 Oct 2022 10:35 PM IST