कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में किसके सिर पर होगा सत्ता का ताज, जानिए वो चेहरे जिनकी साख दांव पर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। यहां 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को चुनावी नतीजे आएंगे। कई न्यूज चैनल ओपिनियन पोल दिखा रहे हैं। जिसमें लगभग हर न्यूज का चैनल कांग्रेस की सरकार बनने की संभावनाएं बता रहा है। ओपिनियन पोल से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चुनाव के बाद कौन-सी पार्टी राज्य में अपनी सरकार बनाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ,कर्नाटक के हजारों मतदाताओं से राय ली गई, जिसके आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आना लगभग तय माना जा रहा है। बता दें कि, राज्य के ओल्ड मैसूर क्षेत्र में 55 सीटें आती हैं। जिसे जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस पार्टी का गढ़ माना जाता है। सर्वे के मुताबिक, ओल्ड मैसूर में 55 सीटों में से सबसे अधिक 24 से 28 सीट जीडीएस, 21 से 25 सीट कांग्रेस और सबसे कम 4 से 8 सीट बीजेपी को मिल सकती हैं।
बीजेपी को कांग्रेस यहां देगी टक्कर
कर्नाटक के बाम्बे क्षेत्र में 50 सीट आती है। बाम्बे क्षेत्र में धरवाड़, हुबली, बेलगाम, हावेरी, बीजीपुर, बागलकोट और गदग जिले आते हैं। इन 50 सीटों में से 25 से 29 सीट कांग्रेस और 21 से 25 सीट बीजेपी हासिल कर सकती है। साथ ही जेडीएस भी 1 से 2 सीट जीत सकती हैं। इसी प्रकार, तटीय कर्नाटक की 21 सीटों में से बीजपी को 16 से 20 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं कांग्रेस को यहां 1 से 5 सीटें मिलने संभावनाएं हैं।
मध्य कर्नाटक की बात करें तो इस क्षेत्र में 35 सीट आती हैं। सर्वे के मुताबिक, यहां पर 18 से 22 सीट कांग्रेस जीत सकती है। जबकि बीजेपी को यहां से 13 से 17 सीटें मिलने का अनुमान है। इसके अलावा जेडीएस 1 या 2 सीट निकाल सकती है।
कर्नाटक के ग्रेटर बेंगलुरु में बीजेपी को मात देगी कांग्रेस
राज्य के ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में 32 सीट आती हैं। जिनमें से कांग्रेस लगभग 18 से 22 सीटों पर अपना कब्जा जमा सकती है। वहीं बीजेपी 7 से 11 और जीडीएस 1 से 5 सीट जीत सकती है।
बीजेपी से आगे कांग्रेस
मीडिया सर्वे के अनुसार, इस बार प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी लगभग 79 से 89 सीट ला सकती है। हालांकि, कांग्रेस इस बार के चुनाव में बीजेपी से अधिक सीट लाने में सक्षम दिखाई दे रही है। कांग्रेस इस बार 106 से 116 सीट पर जीत हासिल कर सकती है। वहीं जेडीएस पार्टी भी 24 से 34 सीटें अपने हिस्से में कर सकती है। पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 224 सीटों में से 113 सीट अपने पलड़े में करनी होंगी।
जानिए किन नेताओं की इज्जत दांव पर लगी हुई है -
बसवराज बोम्मई
कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई शिगगांव सीट से फिर एक बार चुनाव लड़ रहे हैं। बोम्मई 2008 से लगातार इस सीट पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी दिग्गज नेता बसवराज बोम्मई के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए सैयद अजीम्पीर एस खदरी को उतारा है। सैयद खदरी शिगगांव क्षेत्र के अल्पसंख्यक समाज के कद्दावर नेता माने जाते हैं। हालांकि सैयद खदरी सीएम बोम्मई से पिछले तीन चुनावों से लगातार हारते रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार
जगदीश शेट्टार लिंगायत समुदाय के दिग्गज नेता हैं और हुबली- धारावाड़ विधानसभा क्षेत्र से लगातार 6 बार बीजेपी की ओर से विधायक रह चुके हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने शेट्टार को टिकट नहीं दिया। जिसके चलते शेट्टार ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इस बार हुबली-धारावाड़ सीट से कांग्रेस की ओर से जगदीश शेट्टार और बीजेपी के नेता महेश तेंगिनाकाई दोनों ही नेता चुनावी मैदान में आमने-सामने है। ये दोनों नेताओं की अपने विधानसभा सीट में अच्छी पकड़ है। दोनों ही नेता पहले बीजेपी के लिए प्रचार करते थे। लेकिन इस बार का मामला अलग है। दोनों साथी एक दूसरे के खिलाफ है। ऐसे में यहां का मुकाबला बेहद ही दिलचस्प हो गया है। हालांकि बीजेपी के कार्यकर्ताओं में भी जगदीश शेट्टार को बीजेपी से टिकट नहीं मिलने को लेकर भी नाराजगी है। पार्टी कार्यकर्ता न चाहते हुए भी खुद के साथी रहे जगदीश शेट्टार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।
सिद्धारमैया
कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं प्रदेश के पूर्व सीएम सिद्धारमैया इस बार वरुणा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ मंत्री वी.सोमन्ना भी इसी वरुणा सीट से चुनावी जंग लड़ रहे हैं। दोनों दिग्गज नेताओं के बीच चुनावी मुकाबला बेहद की कड़ा है। साथ ही सिद्धारमैया ने कहा है कि, मेरा पैतृक गांव इसी निर्वाचन क्षेत्र में आता है और यह चुनाव मेरा आखिरी चुनाव होगा। इस चुनाव के बाद मैं राजनीति से संन्यास लूंगा।
डी के शिवकुमार
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार कनकपुर विधानसभा सीट से चुनाव लडे़ंगे। डी के राज्य के दूसरे सबसे बड़े वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। इनको कांग्रेस के संकटमोचन भी कहा जाता है। पार्टी अध्यक्ष प्रदेश की राजनीति में बीजेपी को कई बार मात चुके हैं। डीके शिवकुमार बड़े कद के नेता माने जाते हैं। उन्होंने कर्नाटक से लेकर गुजरात तक अन्य भी कई राज्य संभालने का काम किया है। वहीं इस बार इनका मुकाबला भाजपा के राजस्व मंत्री आर के अशोक से होगा।
Created On :   6 May 2023 6:45 PM IST