मुख्तार अंसारी को एक और झटका, मायावती ने काटा टिकट, प्रदेश अध्यक्ष को बनाया प्रत्याशी
- मुख्तार अंसारी को एक और झटका
- मायावती ने काटा टिकट
- प्रदेश अध्यक्ष को बनाया प्रत्याशी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को अपने साम्रराज्य ढह जाने के बाद एक और बड़ा झटका लगा है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उनके सिर से अपना हांथ हटा लिया है और उनका टिकट भी काट दिया है।। मायावती ने शुक्रवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए मऊ की सदर सीट से मुख्तार के बजाय प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जोरदार ढंग से जुटी बहुजन समाज पार्टी ने शुक्रवार को अपना पहला प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। बसपा ने बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के स्थान पर भीम राजभर को पार्टी ने मऊ से अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
मायावती ने शुक्रवार को तीन ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि बसपा का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।
उन्होंने आगे लिखा कि जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।
मायावती ने कहा कि बीएसपी का संकल्प कानून द्वारा कानून का राज के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय जैसी तथा बसपा जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है।
ज्ञात हो कि बसपा सुप्रीमो मायावती पिछले दिनों मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह के बसपा छोड़ सपा में जाने और जेल में बंद मुख्तार अंसारी की आपराधिक छवि को देखते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के संकेत दिए थे। मुख्तार पिछला विधानसभा चुनाव मऊ सीट से बसपा के टिकट पर जीते थे। अंसारी बंधु अपनी पार्टी कौमी एकता दल का भी विलय कर चुके हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव के लिए नया दल बनाने में कठिनाई हो सकती है।
(आईएएनएस)
Created On :   10 Sept 2021 11:00 AM IST