दिल्ली के एलजी ने बिजली विभाग पर सब्सिडी वापस लेने का दबाव डाला : आतिशी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
कानूनी सलाह दिल्ली के एलजी ने बिजली विभाग पर सब्सिडी वापस लेने का दबाव डाला : आतिशी
हाईलाइट
  • उत्पादन
  • पारेषण
  • वितरण और व्यापार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को दावा किया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने त्रुटिपूर्ण कानूनी सलाह के आधार पर बिजली विभाग पर बिजली सब्सिडी वापस लेने का दबाव बनाया।

दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने कहा, पीएमओ के दिल्ली में बिजली सब्सिडी बंद करने के दबाव में एलजी ने दोषपूर्ण कानूनी सलाह के आधार पर बिजली विभाग को दिल्ली सरकार की बिजली सब्सिडी वापस लेने का निर्देश दिया था।

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों को 24 गुणा 7 मुफ्त बिजली देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी बिजली सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। उपराज्यपाल कार्यालय जानबूझकर इसके बारे में गलत सूचना फैला रहा है। आतिशी ने कहा कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने जनवरी 2023 में बिजली सब्सिडी के बारे में अपनी सलाह वापस ले ली थी।

उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीईआरसी के अध्यक्ष को इस मुद्दे की फिर से जांच करने और इस मामले पर एक नई राय प्रदान करने के अनुरोध के साथ पत्र लिखा था, क्योंकि डीईआरसी की अंतिम सलाह के दो साल से अधिक समय बीत चुका था। यह अनुरोध प्राप्त होने पर डीईआरसी ने इस मामले पर एक विस्तृत कानूनी जांच की और 6 जनवरी, 2023 को एक आदेश के माध्यम से कानूनी आधार पर अपनी पूर्व वैधानिक सलाह वापस लेते हुए अपनी नई राय रखी।

डीईआरसी ने अपने विस्तृत आदेश में बताया कि दिल्ली विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 86 (2) के अनुसार, आयोग केवल चार परिभाषित मामलों पर सरकार को सलाह दे सकता है। आदेश में कहा गया है, सरकार को दी जाने वाली सलाह में बिजली उद्योग की गतिविधियों में प्रतिस्पर्धा, दक्षता और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, बिजली उद्योग में निवेश को बढ़ावा देना, राज्य में बिजली उद्योग का पुनर्गठन और बिजली या किसी अन्य के उत्पादन, पारेषण, वितरण और व्यापार से संबंधित मामले शामिल हैं।

कहा गया है कि पावर सब्सिडी का मुद्दा अधिनियम की धारा 86 (2) के तहत किन्हीं चार विशिष्ट क्षेत्रों में नहीं आता है और इसके बजाय अधिनियम की धारा 65 के तहत आता है, जो राज्य सरकार का अनन्य डोमेन है। इस प्रकार आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि सब्सिडी के संबंध में इसकी पूर्व सलाह कानूनी रूप से गलत थी और अधिकार क्षेत्र से बाहर थी।

आतिशी ने कहा कि इस तथ्य को देखते हुए कि डीईआरसी के पास बिजली सब्सिडी की देखरेख करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, इस मामले पर उसकी सलाह गलत है। उन्होंने कहा, विसंगति को महसूस करते हुए डीईआरसी ने स्वयं स्पष्ट किया कि उनकी पिछली वैधानिक सलाह आज की तारीख में शून्य है।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   13 March 2023 6:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story