West bengal: मुकुल रॉय की घर वापसी ने बढ़ाई बीजेपी की परेशानी, 25-30 विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं

Lens on ‘25-30’ BJP MLAs as Mukul Roy works the phone
West bengal: मुकुल रॉय की घर वापसी ने बढ़ाई बीजेपी की परेशानी, 25-30 विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं
West bengal: मुकुल रॉय की घर वापसी ने बढ़ाई बीजेपी की परेशानी, 25-30 विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस में मुकुल रॉय की घर वापसी ने बीजेपी की परेशानी बढ़ाना शुरू कर दिया है। रॉय ने भाजपा के उन लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया है जो तृणमूल से गए थे और उन लोगों के साथ भी जिनके साथ उन्होंने अपने चार साल के भाजपा कार्यकाल के दौरान संबंध बनाए। भाजपा नेताओं को फोन करने के बारे में पूछे जाने पर रॉय ने कहा, "मैं भाजपा नेताओं और ऑर्गेनाइजर्स से फोन पर संपर्क में रहता हूं।"

अपने पिता के साथ भाजपा से तृणमूल में लौटे रॉय के बेटे सुभ्रांगसू ने कहा, "लगभग 25-30 भाजपा विधायक तृणमूल में शामिल हो सकते हैं। भाजपा के दो सांसद भी तृणमूल में शामिल होने के इच्छुक हैं। इस बार बीजपुर चुनाव हारने वाले सुभ्रांगसू ने कहा "मेरे पिता दबाव में थे"। "उनके स्वास्थ्य साफ तौर पर इस बारे में बता रहा था। उन्होंने पहले की तरह विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया। एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं बीजपुर चुनाव जीतने जा रहा हूं। वह काफी परेशान थे।

बता दें कि पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर दक्षिण विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मुकुल रॉय शुक्रवार (11 जून 2021) को टीएमसी के दफ्तर पहुंचे। यहां वो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले। उसके बाद अन्य नेताओं के साथ उनकी बंद कमरे में चर्चा हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी घर वापसी का औपचारिक ऐलान कर दिया। इस मौके पर ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी मौजूद रहे। चार साल पहले जब मुकुल रॉय बीजेपी में शामिल हुए थे तो उनके साथ टीएमसी के कई और नेता भी बीजेपी का हिस्सा बन गए थे।

बताया जा रहा है कि मुकुल राय पिछले काफी दिनों से बीजेपी से नाराज चल रहे थे। विधानसभा चुनाव से पहले सुवेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद मुकुल रॉय की पूछपरख पहले ही कम हो गई थी। जबकि ममता के गढ़ में बीजेपी को मजबूत बनाने का क्रेडिट मुकुल रॉय को भी जाता है। ये नाराजगी तब सारी हदें पार कर गई जब नेताप्रतिपक्ष के तौर पर मुकुल की जगह सुवेंदु अधिकारी का नाम आगे बढ़ाया गया। हालांकि सुवेंदु अधिकारी भी बड़े नेता हैं। जिन्होंने नंदीग्राम विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ही करारी शिकस्त दी है।

मंगलवार को सांसद सुनील मंडल का भी एक बयान सामने आया था। सुनील मंडल ने कहा था, टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वालों में से कई नेता यहां असहज महसूस कर रहे हैं। उन्हें पार्टी में दिल से स्वीकार नहीं किया गया है। कुछ लोग सोचते हैं कि पार्टी में नए लोगों पर भरोसा करना सही नहीं है।

इन घटनाक्रमों को देखते हुए बंगाल बीजेपी ने अपने नेताओं को एक साथ रखने और पार्टी कार्यक्रमों से अनुपस्थित लोगों की पहचान करने की शुरुआत कर दी है। सोमवार को पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी चुनाव परिणामों के घोषित होने के बाद हुई हिंसा के बारे में बात करने के लिए राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान अधिकारी 71 में सिर्फ 51 विधायकों को अपने साथ ले जा सके। शेष 26 विधायक अधिकारी के साथ नहीं गए।

भाजपा के एक नेता ने कहा था, कुछ ने स्वास्थ्य के आधार पर उपस्थित होने में असमर्थता के बारे में सूचित किया था। कुछ की व्यस्तता थी। लेकिन कुछ ने पहले से सूचित नहीं किया था। 

Created On :   16 Jun 2021 7:29 PM IST

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