शराब के ठेके देने में केजरीवाल सरकार ने किया है भष्टाचार : भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस पूरे मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं दक्षिण दिल्ली से लोक सभा सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा है कि दिल्ली में शराब के ठेके देने के मामले में जमकर भ्रष्टाचार किया गया गया है और सीबीआई जांच से ही सच निकल कर सामने आएगा। आईएएनएस के साथ खास बातचीत करते हुए रमेश बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार की आबकारी नीतियों में हुई गड़बड़ियों के बारे में विस्तार से बताते हुए यह दावा भी किया कि इस पूरे मामले में भष्ट्राचार और गड़बड़ी करने वाले व्यक्ति को जेल जाना ही पड़ेगा।
सवाल - आप लोग (भाजपा) दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को लेकर आरोप लगा रहे हैं, आखिर यह पूरा मामला है क्या? आपको क्यों लग रहा है कि इसमें गड़बड़ी की गई है?
जवाब - देखिए, गड़बड़ तो उनकी मानसिकता में ही है। जो पॉलिसी 2021 में आबकारी नीति में बनाई गई, वो पॉलिसी भी इसी सरकार ने बनाई थी जिसमें यह तय किया गया था कि किसी भी ब्लैकलिस्टेड कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट नहीं देंगे। कार्टेल को रोकने के लिए उसमें यह नियम भी बनाया गया था कि किसी भी कॉन्ट्रेक्टर को दो से ज्यादा जोन में ठेका नहीं देंगे। शराब के उन ठेकेदारों के 140 करोड़ रुपये को एक झटके में केजरीवाल सरकार ने माफ कर दिया जिसका इस्तेमाल दिल्ली की जनता के विकास के लिए करना चाहिए था। ऐसा केजरीवाल सरकार ने क्यों किया? विदेशी शराब पर 50 रुपये की छूट क्यों दी गई, इनसे उनका क्या संबंध है, यह उन्हे बताना चाहिए?
सवाल - आपने जिन गड़बड़ियों का जिक्र किया, क्या उसके जरिए आप यह कहना चाह रहे हैं कि इस मामले में भ्रष्टाचार हुआ है?
जवाब - बिल्कुल, यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का मामला है, इसमें लंबा भ्रष्टाचार हुआ है। जब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने इन गड़बड़ियों को पकड़ा तो उन्होंने इस मामले को सरकार के संज्ञान में लाते हुए जांच की मांग की लेकिन दिल्ली सरकार ने उनकी बात भी नहीं सुनी। एक ठेकेदार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की एनओसी नहीं मिलने और पूरे कागज नहीं होने के बावजूद ठेका कैसे दे दिया गया? ठेका दे भी दिया गया तो बाद में उसे उसकी 30 करोड़ की सिक्योरिटी राशि क्यों वापस कर दी गई? टेंडर लेने के बाद भी वह ठेका नहीं चला पाया तो यह उसकी गलती थी, उसकी सिक्योरिटी राशि को जब्त करना चाहिए था लेकिन उसे 30 करोड़ वापस कर दिया। क्यों लौटा दिया, सौदा किया होगा 50-50 में, 25-75 में, तब लौटाया होगा। इसमें निश्चित तौर पर पैसे का लेन-देन हुआ है, भ्रष्टाचार हुआ है। 140 करोड़ में भी लेन-देन हुआ है, 30 करोड़ में हुआ है, 50 रुपये की छूट में हुआ है और ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ठेका देने में भी भ्रष्टाचार हुआ है।
सवाल - लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो मनीष सिसोदिया को कट्टर ईमानदार व्यक्ति बता रहे हैं?
जवाब - केजरीवाल ने तो फर्जी डिग्री को लेकर तोमर के मामले में भी कहा था कि उन्होंने कागज देख लिए। वो तो सत्येंद्र जैन को भी ईमानदार बताते रहे हैं। उन्होंने तो खुद के लिए भी कहा कि वो बहुत ईमानदार हैं तो फिर उनके साढ़ू को जेल क्यों जाना पड़ा, आत्महत्या क्यों करनी पड़ी? इन सभी सवालों का जवाब भी तो केजरीवाल को देना चाहिए।
सवाल - लेकिन केजरीवाल तो यह दावा कर रहे हैं कि भाजपा, आप नेताओं के पीछे पड़ी है और आप लोग मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने का षड्यंत्र रच रहे हैं?
जवाब - देखिए, यह देश संविधान, कानून और नियमों के अनुसार चलता है और जो आदमी गलत काम करेगा उसे तो जेल जाना ही पड़ेगा। आपको दिल्ली की जनता ने उनकी सेवा करने के लिए चुन कर भेजा है, भ्रष्टाचार के जरिए पैसा कमाने के लिए नहीं।
सवाल - सीबीआई जांच को लेकर आप क्या कहेंगे?
जवाब - सीबीआई एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है। उपराज्यपाल ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। जांच से सच सबके सामने आ जाएगा।
(आईएएनएस)
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Created On :   31 July 2022 12:30 PM IST