जाटलैंड और गन्ना-जिन्ना से अलग है तीसरे चरण का चुनाव, यादवलैंड और बुंदेलखंड में चुनावी टक्कर, अखिलेश की साख भी दांव पर

Jatland and sugarcane are different from Jinnahs third phase election, electoral contest in Yadavland and Budelkhand
जाटलैंड और गन्ना-जिन्ना से अलग है तीसरे चरण का चुनाव, यादवलैंड और बुंदेलखंड में चुनावी टक्कर, अखिलेश की साख भी दांव पर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 जाटलैंड और गन्ना-जिन्ना से अलग है तीसरे चरण का चुनाव, यादवलैंड और बुंदेलखंड में चुनावी टक्कर, अखिलेश की साख भी दांव पर
हाईलाइट
  • चुनौतीभरा तीसरा चरण
  • बीजेपी बरकरार के लिए सपा को वापसी की आस

डिजिटल डेस्क, लखलऊ। उत्तरप्रदेश के चुनावी समर में दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है। जाटलैंड, जिन्ना और गन्नाबेल्ट हावी रहे इन चरणों के इतर अब तीसरे चरण में यादवलैंड और बुदेलखंड की चर्चा जोरों शोरों से होने लगी है। तीसरे चरण के लिए यूपी के 16 जिलों की 59 सीटों पर 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। ज्यादा जिलों में हो रहे चुनाव के चलते पूर्व के चुनावी चरणों से ये चरण ज्यादा चुनौती भरा है। अब तक की यूपी चुनाव की तस्वीर की चमक बदलने वाली है।  तीसरे चरण में जीत के लिए बीजेपी को दोबारा कोशिश में जुटी है। बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता इन इलाकों में तूफानी चुनावी प्रचार कर रहे हैं। वहीं समाजवादी का गढ़ कहे जाने वाले यादवलैंड और बुदेलखंड में नाक बचाने की कोशिश में जुटी है। 

                                                       

तीसरे चरण में जिन इलाकों में वोटिंग होने वाली है वहां के मुद्दे और समीकरण पिछले दो चरणों से बिल्कुल डिफरेंट है।  चुनावी रण की मंचों यात्राओं सभाओं भाषणों का राग अब जाटलैंड, गन्ना बेल्ट और जिन्ना से शिफ्ट होकर यादवलैंड और बुंदेलखंड में पहुंच गया है। इलाका, मुद्दा और जातीय समीकरण  बदलने से  सभी दलों के नेताओं के बोल बयान और भाषा भी बदल गई है।  तीसरे चरण में जिन इलाकों में मतदान होने जा रहा हैं, उनमें पश्चिमी यूपी, अवध और कुछ बुंदेलखंड का क्षेत्र है।

                                                      

अगले चरण में यूपी के तीन हिस्सों अवध, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड में चुनाव है. तीसरे चरण में पश्चिमी यूपी के पांच जिले फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, कासगंज और हाथरस हैं जहां 19 विधानसभा सीटें हैं. अवध रीजन के कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, 6 जिले हैं जहां 27 विधानसभा सीटें हैं।  और बुंदेलखंड में झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा जिले में मतदान है जहां 13 विधानसभा सीटें  हैं।

                                                     

तीसरे चरण के चुनाव में शामिल 16 जिलों में से 9 जिले यादव बाहुल्य हैं। हालांकि पिछली बार 2017 के चुनावों में सत्ता में रहते हुए सपा ने यहां बेहद खराब प्रदर्शन किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां की अधिकतर सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। पिछली बार सपा के गढ़ में ही साइकिल की रफ्तार बीजेपी की जीत ने धीमी कर दी थी।  बीजेपी गठबंधन ने 59 में से 49 सीटों पर कब्जा किया था। समाजवादी पार्टी के हिस्से में सिर्फ 8 सीटें आई थीं। जबकि कांग्रेस और बीएसपी को सिर्फ एक-एक सीट ही मिली थी।

 

इसलिए ये चुनाव सपा और बीजेपी दोनों के लिए अहम है। बीजेपी इन इलाकों में जिन्ना मुसलमान दंगे हिदूत्व और हिजाब से दूर अबकी बार परिवारवाद को लेकर विपक्ष की पार्टियों पर निशाना साध रही है। तीसरे चरण की सबसे चर्चित सीट मैनपुरी की करहल सीट है जिससे अबकी बार समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं।  अखिलेश यादव का मुकाबला बीजेपी के एसपी सिंह बघेल से हैं जो केंद्र में मंत्री रहते हुए इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 59 सीटों वाला तीसरा चरण हर पार्टी के लिए जरूरी है। बीजेपी पिछली बार के प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी पिछले नतीजों को अपने पक्ष में लाना चाहती है। 

 

 

Created On :   15 Feb 2022 12:33 PM IST

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