अगर प्रधानमंत्री का ट्विटर अकाउंट हैक हो सकता है तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा

If PMs Twitter account can be hacked then what will happen to the security of common man
अगर प्रधानमंत्री का ट्विटर अकाउंट हैक हो सकता है तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा
अधीर रंजन चौधरी अगर प्रधानमंत्री का ट्विटर अकाउंट हैक हो सकता है तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या होगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ट्विटर अकाउंट से छेड़छाड़ की जा सकती है तो आम आदमी के ट्विटर अकाउंट की सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को शून्यकाल में यह मसला उठाते हुए मोदी के अकाउंट से रविवार को कुछ समय के लिए छेड़छाड़ की गई थी तो ऐसे में आम लोगों के ऐसे अकाउंट की सुरक्षा किस प्रकार की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय जब सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है और उनके अकाउंट से कुछ समय के लिए छेड़छाड़ की गई थी तथा एक लिंक को टवीट भी किया गया था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने जा रही है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने जा रही है या नहीं।

तृणमूल कांग्रेस की प्रोतिमा मंडल ने इसी दौरान कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का मसला उठाया और कहा कि इस महामारी ने चुपचाप ही पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने कोविड के समय देश में शिक्षा, ऑनलाइन स्कूली पढ़ाई और स्कूलों में डिजिटल सुविधाओं की कमी का मसला भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिन बच्चों के माता पिता की मौत हो गई है उन्हें मानसिक और सामाजिक तौर पर सहारा देने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में अधिक धन आबंटित करना चाहिए।

बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)को वापिस लेने की मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार श्री मोदी ने तीन कृषि कानून वापिस लिए हैं उसी प्रकार उन्हें सीएए को भी वापिस ले लेना चाहिए और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन छात्रों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे वे भी वापिस लिए जाएं। शिव सेना के विनायक राऊत ने महाराष्ट्र में बेमौसमी बारिश और इससे हुए नुकसान का मसला उठाते हुए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से उपयुक्त धनराशि जारी किए जाने की मांग की।

इस दौरान कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उठाए गए मसले पर सरकार से जवाब देने की मांग को लेकर सदन से वाकआउट किया। उन्होंने 11 दिसंबर की सीबीएसई परीक्षा के उस पैरे का जिक्र किया जिसमें महिलाओं के लिए अपमानजनक बातें लिखी थीं। श्रीमती गांधी ने इस सवाल को हटाने तथा माफी मांगने की बात कही थी। चौधरी ने कहा कि वे इस मामले में सरकार के इस तरह के रवैये के खिलाफ सदन से बर्हिगमन कर रहे हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   13 Dec 2021 6:00 PM IST

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