महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की बुधवार को जेल से रिहाई संभव

Ex-Maharashtra minister Anil Deshmukh may be released from jail on Wednesday
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की बुधवार को जेल से रिहाई संभव
मुंबई महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख की बुधवार को जेल से रिहाई संभव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल देशमुख (73) को जमानत देने के अपने आदेश पर रोक लगाने की सीबीआई की याचिका खारिज कर दी, जिससे बुधवार को उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया।

वकील अनिकेत निकम ने कहा, न्यायमूर्ति संतोष चापलगांवकर की एकल-न्यायाधीश अवकाश पीठ ने नियमित अदालत के पिछले आदेश की पृष्ठभूमि के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इस तरह देशमुख के लिए बुधवार को जेल से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

जस्टिस एम.एस. कार्णिक ने 12 दिसंबर को 10 दिनों के लिए जमानत आदेश पर रोक लगाते हुए यह भी स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी परिस्थिति में आगे विस्तार के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। सीबीआई ने जमानत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी, क्योंकि शीर्ष अदालत में दो जनवरी तक अवकाश है, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने मंगलवार को फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सीबीआई के वकील श्रीराम शिरसाट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन पहले ही फाइल की जा चुकी है, लेकिन वे वहां इसका जिक्र नहीं कर पाए। वकीलों निकम और इंद्रपाल सिंह ने तर्क दिया कि सीबीआई हाईकोर्ट के पहले के आदेश को ओवररीच करने का प्रयास कर रही थी और यह सुप्रीम कोर्ट में किसी भी तरह की तात्कालिकता बनाने में विफल रही, जहां मामला विचाराधीन है।

देशमुख का 12 दिसंबर का जमानत आदेश अब बुधवार से प्रभावी हो जाएगा और उनकी रिहाई हो जाने की उम्मीद है। वह 2 नवंबर, 2021 से हिरासत में हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले, हाईकोर्ट ने उन्हें नवंबर 2022 में ईडी द्वारा दायर मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करने से इनकार कर दिया था।

सीबीआई ने अप्रैल 2022 में देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के विभिन्न अपराधों और भारतीय दंड संहिता के तहत अपने कार्यालय के दुरुपयोग के विभिन्न आरोपों के तहत अपना अलग मामला दर्ज किया था, जब वह महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे। सीबीआई ने 12 दिसंबर के जमानत आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए अन्य बातों के साथ-साथ तर्क दिया कि सीबीआई ने देशमुख को जमानत देने में गंभीर गलती की थी, इसके परिणामों पर विचार नहीं किया गया, जबकि जांच अभी भी चल रही है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   27 Dec 2022 6:30 PM GMT

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