प्रशांत किशोर का कांग्रेस पर बड़ा हमला, विपक्ष का नेतृत्व कांग्रेस ही करे ये जरूरी नहीं
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- PK की टिप्पणी कांग्रेस के लिए चिंता का विषय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है। पीके ने विपक्ष के नेतृत्व की कमान को लेकर कांग्रेस को घेरा है। पीके का कहना है कि विपक्ष के नेतृत्वकर्ता की कमान कांग्रेस के पास हो ये जरूरी नहीं है। उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस पर सवाल खड़ा किया है। पीके का कहना है कि पिछले 10 सालों के चुनावों के परिणामों पर गौर किया जाए तो कांग्रेस को 90 फीसदी चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। फिर भी विपक्ष का नेतृत्व कर रहा है। पीके का कहना कांग्रेस का विपक्ष के नेतृत्व पर कोई दैवीय अधिकार नहीं है, ना ही हो सकता है।
भारत की चुनावी पॉलिटिक्स में प्रभावी कैंपेन प्रबंधक के रूप में चर्चित हुए प्रशांत किशोर की कांग्रेस के खिलाफ टिप्पणी कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।
पीके के ट्वीट जारी करते हुए लिखा कि कांग्रेस जिस विचार और स्थान का प्रतिनिधित्व करती है, वो एक मजबूत विपक्ष के लिए काफीं अहम है। लेकिन इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व को व्यक्तिगत तौर पर किसी का दैवीय अधिकार नहीं है। वो भी तब जब पार्टी पिछले दस सालों में 90 फीसदी चुनावों में हारी है। विपक्ष नेतृत्व का फैसला लोकतांत्रिक तरीके से होने दें।
अभी हाल ही में मेघालय में 10 कांग्रेस विधायकों के साथ कई नेताओं ने ममता की छांव में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया जिससे मेघालय में टीएमसी एकाएक मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है।
कयास तो ये लगाए जा रहे है कि मेघालय में विपक्ष के रूप में टीएमसी की भूमिका की स्क्रिपिट लिखने में पीके की ही सोच है। अब इन कयासों को और हवा मिलने लगी क्योंकि प्रशांत ने कांग्रेस ने नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया है। वहीं कई लोग ये भी मान रहे है कि पीके कांग्रेस को अप्रासंगिक बनाने में लगे है।
आपको बता दें ममता ने अपनी तीन दिवसीय मुंबई यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के कई नेताओं से मुलाकात की। इसमें सबसे अहम मुलाकात एनसीपी चीफ शरद पवार से बताई जा रही है। मुलाकात के बाद दोनों नेता मीडिया से भी रूबरू हुए। मीडियाकर्मियों के एक सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने यूपीए को लेकर कहा था अब कोई यूपीए नहीं है। ममता ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि कोई लड़ नहीं सकता तो हम क्या करें। हम चाहते हैं कि सभी पार्टियां लड़े। ममता ने कहा अब यूपीए नहीं है। इसलिए सवाल ही नहीं है कि यूपीए का नेता कौन होगा?
यूपीए कांग्रेस की अगुवाई वाला एक गठबंधन था जिसमें कई दल शामिल थे। ममता के बयान के बाद कांग्रेस ममता पर हमलावर हो गई और कांग्रेस ने कहा था कि बीजेपी को बिना कांग्रेस के हराना किसी सपने की तरह है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप भी लगाया। चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ममता पीएम मोदी की सलाह पर यूपीए कांग्रेस में फूट डालकर तोड़ने की साजिश कर रही है।
आपको बता दें इस साल पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों में प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का चुनावी अभियान के प्रबंधन का जिम्मा निभाया था। और इन चुनावों में ममता बनर्जी को जीतने में कामयाबी मिली। इस जीत के बाद टीएमसी चीफ और सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की राजनीति से ऊपर राष्ट्रीय राजनीति में पैर पसारने का प्रयास कर रही है। और यह काम पीके के प्रतिनिधित्व में होकर टीएमसी पूरे राष्ट्रीय चुनाव में अपनी पार्टी के विस्तार में जुटी हैं।
Created On :   2 Dec 2021 3:38 PM IST