कांग्रेस ने की राज्यपाल से मुलाकात, मंत्री ईश्वरप्पा की बर्खास्तगी की मांग
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को यहां राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की और कहा कि ठेकेदार संतोष के. पाटिल की आत्महत्या के मामले में उनकी गिरफ्तारी तत्काल सुनिश्चित की जाए। प्रतिनिधिमंडल में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने मांग की है कि मंत्री ईश्वरप्पा को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त करने का भी दबाव बनाया।
विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि मंत्री ईश्वरप्पा ने ठेकेदार से 40 फीसदी कमीशन मांगा था। यानी उन्हें कुल चार करोड़ रुपये में से 1.40 करोड़ रुपये देने थे। एक छोटा ठेकेदार इतनी बड़ी रकम कहां से दे? उन्होंने कहा कि कर्नाटक के इतिहास में ऐसी भ्रष्ट सरकार कभी नहीं देखी। शिवकुमार ने कहा कि यह घटना राज्य के इतिहास में एक धब्बा है और ईश्वरप्पा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हम यहीं नहीं रुकेंगे। बेंगलुरू में हम इस मुद्दे पर विरोध करेंगे, भले ही हमें इसके लिए दंडित किया जाए।
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि आत्महत्या से पहले संतोष पाटिल उडुपी गए थे और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मिलने की कोशिश की थी। जब वह उनसे नहीं मिल पाए तो उन्होंने दोस्तों को व्हाट्सएप संदेश भेजकर सीधे आरोप लगाया कि उनकी मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं और उन्होंने आत्महत्या कर ली। इसे डेथ नोट माना जाना चाहिए और मंत्री ईश्वरप्पा को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि मामले में शिकायतकर्ता ने भी आरोप लगाया कि मौत के लिए सीधे तौर पर मंत्री ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं।
यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आता है। मंत्री के खिलाफ इस अधिनियम की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया जाना है। कानून में आरोपी ईश्वरप्पा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 10 साल की कैद का प्रावधान है और यह गैर जमानती अपराध है। सिद्धारमैया ने कहा कि कानून सबके लिए समान है। उन्होंने आगे कहा, राज्यपाल ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री बोम्मई से बात करेंगे। ईश्वरप्पा कानून से परे नहीं हैं। अगर सरकार का कोई सम्मान है तो उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। ईश्वरप्पा को गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें तुरंत कैबिनेट से बर्खास्त करना चाहिए।
बता दें, उडुपी में एक ठेकेदार संतोष के. पाटिल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी मौत के लिए सीधे तौर पर मंत्री ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराते हुए वाट्सएप पर संदेश भेजे थे। पुलिस ने ईश्वरप्पा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
(आईएएनएस)
Created On :   13 April 2022 4:31 PM IST