पेगासस रिपोर्ट: राहुल गांधी समेत दो केंद्रीय मंत्रियों के नंबर शामिल, 300 भारतीय को कथित रूप से बनाया निशाना

Congress leader rahul gandhi selected as potential spyware target in run up to 2019 polls and after
पेगासस रिपोर्ट: राहुल गांधी समेत दो केंद्रीय मंत्रियों के नंबर शामिल, 300 भारतीय को कथित रूप से बनाया निशाना
पेगासस रिपोर्ट: राहुल गांधी समेत दो केंद्रीय मंत्रियों के नंबर शामिल, 300 भारतीय को कथित रूप से बनाया निशाना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए कम से कम दो मोबाइल फोन भारत के उन 300 प्रमाणित नंबरों की सूची में शामिल हैं, जिनकी निगरानी करने के लिए इजरायल के एनएसओ ग्रुप के एक भारतीय क्लाइंट द्वारा पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई थी। न्यूज आउटलेट द वायर की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

राहुल गांधी से साथ उनके पांच करीबियों पर भी निशाना बनाने की तैयारी की गई थी, जबकि इन पांचों में से कोई भी राजनीतिक या सार्वजनिक कामों संबंधी भूमिका में नहीं है। वैसे तो गांधी अब इस नंबर का इस्तेमाल नहीं करते हैं, लेकिन यह नंबर लीक हुए उस बड़े डेटाबेस का हिस्सा है, जिसे फ्रांसीसी मीडिया नॉन-प्रॉफिट फॉरबिडेन स्टोरीज ने प्राप्त किया है और इसे 16 न्यूज संस्थानों के साथ साझा किया है, जिसमें द वायर, द गार्जियन, वॉशिंगटन पोस्ट, ल मोंद इत्यादि शामिल हैं।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के तकनीकी लैब द्वारा इस सूची में शामिल फोन पर की गई फॉरेंसिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि इसमें से 37 डिवाइस में पेगासस स्पायवेयर था, जिसमें से 10 भारतीय व्यक्तियों से जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के फोन की फॉरेंसिक जांच नहीं हो पाई है, क्योंकि फिलहाल वे उस हैंडसेट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, जिसे वे 2018 के मध्य और 2019 के बीच किया करते थे और इसी दौरान उनका नंबर निगरानी सूची में शामिल किया गया था। फॉरेंसिक जांच नहीं हो पाने के चलते यह स्पष्ट रूप से बताना संभव नहीं है कि गांधी के फोन में पेगासस डाला गया था या नहीं, लेकिन उनके करीबियों से जुड़े कम से कम नौ नंबरों को निगरानी डेटाबेस में पाया जाना ये दिखाता है कि इसमें राहुल गांधी की मौजूदगी महज इत्तेफाक नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार, गांधी ने द वायर को बताया कि पूर्व में उन्हें संदिग्ध वॉट्सऐप मैसेज प्राप्त हुए थे, जिसके बाद उन्होंने तत्काल अपने नंबर और फोन बदल दिए, ताकि उन्हें निशाना बनाना आसान न हो। राहुल गांधी पर निगरानी करने की योजना ऐसे समय पर बनाना, जब वे विपक्षी कांग्रेस के अध्यक्ष थे और नरेंद्र मोदी के खिलाफ साल 2019 के आम चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे, पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के निजी फोन के अलावा उनके दो करीबी सहयोगियों - अलंकार सवाई और सचिन राव के नंबर भी लीक हुए डेटाबेस में शामिल हैं। राव कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी के सदस्य हैं, जो वर्तमान में पार्टी कैडर को ट्रेनिंग देते हैं, जबकि सवाई राहुल गांधी के कार्यालय से जुड़े हुए हैं और आमतौर पर अपना अधिकांश समय उनके साथ ही बिताते हैं। सवाई का फोन 2019 में चोरी हो गया था और इस तरह अब यह फॉरेंसिक जांच के लिए उपलब्ध नहीं है, जबकि राव ने कहा कि उनका फोन खराब हो गया है और अब यह स्विच ऑन नहीं होता है।

Created On :   19 July 2021 7:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story