कांग्रेस जातिगत समीकरण को साधने के साथ, बड़े वर्ग में पैठ बनाने में जुटी

Congress is trying to make inroads in the big class, with the help of caste equation.
कांग्रेस जातिगत समीकरण को साधने के साथ, बड़े वर्ग में पैठ बनाने में जुटी
विधानसभा चुनाव 2022 कांग्रेस जातिगत समीकरण को साधने के साथ, बड़े वर्ग में पैठ बनाने में जुटी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी अब अपनी चुनावी समीकरण को ठीक करने में अभी से जुट गई है। आपको बता दें कि एक के बाद एक कई चुनाव हार चुकी कांग्रेस रणनीति बदल रही है। जातिगत समीकरण साधने के साथ पार्टी बड़े वर्ग में भी पैठ बनाने की कोशिश में जुटी है। दलित, महिला और ओबीसी फॉर्मूला पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी के फैसलों में इन तीनों वर्ग की छाप साफ दिखाई देगी। क्योंकि पार्टी इस फॉर्मूले को विधानसभा के साथ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी मुफीद मान रही है।

कांग्रेस पिछड़ो को साधने में जुटी

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी मानती है कि भाजपा कई मुद्दों पर अमीरों के साथ खड़ी रहती है। ऐसे में कांग्रेस को पिछड़ो के साथ खड़ा नजर आना चाहिए। गौरतलब है कि 2004 में पार्टी कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ के नारे के साथ लड़ी और जीती थी। पार्टी को यकीन है कि इस फॉर्मूले के जरिए वह फिर सत्ता दहलीज तक पहुंच सकती है। 

कांग्रेस का जानें फॉर्मूला 

आपको बता दें कि पंजाब में कांग्रेस ने दलित मुख्यमंत्री बनाया, यूपी चुनाव में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने का एलान, पार्टी लगभग हर फैसले में यह फॉर्मूला लागू करेगी। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल फेरबदल में भी इसी फॉर्मूले पर अमल किया गया है। इससे साफ है कि पांच राज्यों के चुनाव के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी इस फार्मूले को केंद्र में रखकर चुनावी रणनीति बनाएगी। कांग्रेस से पहले भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी महिलाओं का भरोसा जीतकर सत्ता तक पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना ने 2017 के यूपी चुनाव में भाजपा को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री की कन्याश्री योजना ने महिला मतदाताओं का भरोसा जीतने में मदद की। दिल्ली में भी महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा का तोहफा दिया। जिसका फायदा इन राजनीतिक पार्टियों को प्रत्यक्ष रूप से हुआ है। 

भाजपा की जीत में महिलाओं अहम रोल

जानकारों के मुताबिक भाजपा की जीत में महिलाओं की भूमिका अहम है। पिछले कुछ चुनावों में महिलाओं को वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। देश की कुल आबादी में महिलाओं का प्रतिशत लगभग 48 फीसदी है, पर मतदान प्रतिशत पुरूषों के करीब है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 68 फीसदी महिलाओं ने वोट का इस्तेमाल किया था, जबकि पुरूषों का वोट प्रतिशत 68.3 फीसदी था। बीजेपी को ये पता है कि महिलाओं का वोट प्रतिशत अच्छा रहता है, जिससे महिला वोटों पर नजर बनीं रहती है। 
 

Created On :   23 Nov 2021 12:52 AM IST

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