कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सरमा द्वारा की जा रही आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग से की

Congress complains to Election Commission about violation of code of conduct by Chief Minister Sarma
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सरमा द्वारा की जा रही आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग से की
असम उपचुनाव कांग्रेस ने मुख्यमंत्री सरमा द्वारा की जा रही आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग से की

डिजिटल डेस्क,  गुवाहाटी । कांग्रेस ने रविवार को चुनाव आयोग के पास एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 30 अक्टूबर को पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले नई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर आचार संहिता का खुले तौर पर उल्लंघन किया है । हालफिलहाल चुनाव आयोग  ने आरोपों की जांच करने का आश्वासन दिया हैं।

कांग्रेस के राज्य के मुख्य प्रवक्ता बोबीता शर्मा ने कहा कि राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी नितिन खाड़े को एक ज्ञापन सौंपा गया था और पार्टी के पास कई वीडियो सबूत हैं जो सरमा की नई घोषणाओं को दिखाते हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने सीईओ को लिखे पत्र में कहा कि सरमा ने मरियानी के 40 चाय बागानों के लिए कई नई घोषणाएं की हैं। प्रत्येक बगीचे के लिए 1 करोड़ रुपये के पैकेज के हिसाब से 40 करोड़ रुपये जुटाने का वादा किया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रत्येक चाय बागान को जल जीवन मिशन में शामिल करने, बागानों में 10 नए हाई स्कूल, महिला चाय श्रमिकों के स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता और चाय बागानों के आकस्मिक मजदूरों को मनरेगा योजना में शामिल करने का भी वादा किया।

शिकायत में कहा गया है कि सरमा ने थावरा विधानसभा सीट पर एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए निर्वाचन क्षेत्र में नदियों पर दो पुल बनाने की भी घोषणा की।

बोरा ने अपने पत्र में कहा, मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि यदि कोई मौजूदा विपक्षी विधायक भाजपा में शामिल होता है तो वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में 2,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं देंगे। यह भारत के संविधान के सिद्धांतों का एक चौंकाने वाला उल्लंघन है। हर विधायक, चाहे वह सत्ता में हो या विपक्ष में, अपना विकास कोष पाने का हकदार है।

गोसाईगांव, तामुलपुर, मरियानी, थौरा और भवानीपुर में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होगा। ये सीटें इसलिए खाली हुईं, क्योंकि युनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के दो मौजूदा विधायकों का कोविड से निधन हो गया था, जबकि कांग्रेस के दो और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के एक विधायक विधानसभा की सदस्यता छोड़ने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे।

 

(आईएएनएस)

Created On :   25 Oct 2021 1:00 AM IST

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