पंचायत चुनाव पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

Congress-BJP face to face on Panchayat elections
पंचायत चुनाव पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है, मगर आरक्षण प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस आरक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है तो भाजपा का जवाब है कि कांग्रेस हमेशा लोकतंत्र की विरोधी रही है इसलिए बयानबाजी कर रही है। ज्ञात हो कि राज्य में पंचायतों के चुनाव तीन चरण में जनवरी माह में होने वाले हैं। जिला पंचायत के अध्यक्ष पद का आरक्षण 14 दिसंबर को होगा, वहीं जिला पंचायत सदस्य, सरपंच व पंच के चुनाव वर्ष 2014 के आरक्षण के तहत ही होंगे। पूर्व में कमल नाथ सरकार ने पंचायतों का परिसीमन कर दिया था, मगर पंचायती राज अधिनियम के अनुसार एक साल तक चुनाव नहीं होता है तो उसे रद्द किया जा सकता है। वर्तमान सरकार ने उस परिसीमन को रद्द कर दिया है।

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने कहा है कि हम तो पिछले काफी समय से यह मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में जल्द नगरीय निकाय व पंचायत के चुनाव हों, लेकिन लगता है कि सरकार इन चुनावों से डरी हुई है, वह चुनाव करवाना नहीं चाहती है, वह चुनावों से भाग रही है। उन्होंने आगे कहा कि जब परिसीमन और आरक्षण को लेकर न्यायालय में विभिन्न याचिकाएं पहुंची हैं तो अचानक आधे अधूरे में, जल्दबाजी में पंचायत चुनाव की घोषणा समझ से परे है। ऐसा लगता है कि सरकार खुद चुनाव नहीं चाहती है, वो चाहती है कि भविष्य में चुनावों पर रोक लग जाये और वो कह सके कि हम तो चुनाव कराना चाहते थे।

कांग्रेस प्रवक्ता सैयद जाफर का कहना है कि, हम पहले से ही उच्च न्यायालय की शरण में हैं हमारी तरफ से देश के जाने-माने अधिवक्ता विवेक तंखा पैरवी कर रहे हैं। जो मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की घोषणा की है वह पंचायती राज स्वराज अधिनियम की धाराओं में दिए गए आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ है। कांग्रेस के आरोपों पर राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा, पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस का विरोध गलत है, क्योंकि कांग्रेस ने अपने पंद्रह महीने के शासनकाल में फर्जी तरीके से ये चुनाव कराने को कोशिश की थी, ताकि वह अपने लोगों को पंचायतों में बिठा सके।

सिंह ने आगे कहा, भाजपा सरकार ने जनता की आवश्यकता के अनुरूप तथा निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव दिया, आयोग का आभार कि उसने भाजपा सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया है। राज्य सरकार के मंत्री सिंह ने कहा कि बीते दो साल से पंचायतों के चुनाव रुके हुए हैं। महात्मा गांधी का भी कहना था कि दिल्ली में बैठे कुछ लोग ही देश का संचालन नहीं कर सकते हैं, यदि हमें लोकतंत्र का विकेन्द्रीकरण करना है तो गांव-गांव में सरकार होनी चाहिए। बापू की इसी इच्छा के अनुरूप हम पंचायत चुनाव कराना चाहते हैं। भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का कभी भी लोकतंत्र में विश्वास नहीं रहा, इसलिए वह गलत तरीके से इन चुनावों का विरोध कर रही है।

(आईएएनएस)

Created On :   6 Dec 2021 7:00 PM IST

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