कर्नाटक में कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे के खिलाफ क्यूआर कोड पोस्टर का कर रहे इस्तेमाल
![Congress and BJP are using QR code posters against each other in Karnataka Congress and BJP are using QR code posters against each other in Karnataka](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2022/09/874367_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस एक-दूसरे के पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए क्यूआर कोड पोस्टरों का इस्तेमाल कर रही है। विपक्षी कांग्रेस ने पहले पेसीएम पोस्टर जारी किया, जिसका भाजपा ने क्यूआर कोड पोस्टर के साथ जवाब दिया, जिसमें विपक्षी नेता सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार की तस्वीर है। विपक्षी कांग्रेस द्वारा जारी पेसीएम पोस्टर में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीर है, जिसे अगर स्कैन किया गया तो यह 40 फीसदी सरकार डॉट कॉम वेबसाइट पर पहुंच जाएगी। विभिन्न स्थानों पर लगे पोस्टरों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और सत्तारूढ़ भाजपा को बुरी तरह शर्मिदा किया है।
अधिकारियों ने बेंगलुरु में दीवारों, प्रतिष्ठानों से पोस्टर हटाने के लिए बीबीएमपी कर्मियों की सेवाओं पर दबाव डाला है। भाजपा एमएलसी एम रविकुमार ने कहा, कांग्रेस नेताओं ने हमारे सीएम का प्रचार करने के लिए पोस्टर लगाए हैं, उन्हें इसके लिए राहुल गांधी को भुगतान करना चाहिए।
एमएलसी रविकुमार ने कहा, सिद्धारमैया को एक घड़ी की जरूरत है (हबलेट घड़ी कांड का जिक्र करते हुए) और उन्हें इसका भुगतान करने दें। पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उन्होंने चार पीढ़ियों के लिए धन अर्जित किया है, उन्हें भी भुगतान करने दें। सीएम की आलोचना करते समय गरिमा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
कांग्रेस विधायक और मीडिया प्रभारी प्रियांक खड़गे ने कहा कि पेसीएम अभियान व्यक्तिगत नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर जो भी चर्चा हो रही है, उसे प्रचार के लिए लिया जा रहा है।
कथित तौर पर भाजपा द्वारा जारी किए गए पोस्टर में सिद्धारमैया और शिवकुमार की तस्वीरें हैं, जिसमें लोगों से दोनों को उखाड़ फेंकने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहा गया है। नीचे यह भी बताया गया है कि दोनों इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे राज्य को नष्ट किया जाए, कैसे झूठ फैलाया जाए और शांति भंग की जाए। इस बीच बोम्मई ने अचानक सामने आए पोस्टरों पर गृह विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
(आईएएनएस)
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Created On :   21 Sept 2022 4:00 PM IST