मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने कहा कानून-व्यवस्था नियंत्रण में नहीं रहने पर फिर से लागू होगा अफ्स्पा
- केंद्र सरकार ने आखिरकार लोगों की अपील सुनी
डिजिटल डेस्क, कोहिमा। नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने सोमवार को कहा कि अगर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, तो राज्य में सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 (अफ्स्पा) फिर से लागू किया जा सकता है।
अफ्स्पा पर आदिवासी होहो और अन्य संगठनों के साथ एक महत्वपूर्ण परामर्श बैठक में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों ने कठोर कानून को समाप्त करने की अपील की थी और केंद्र सरकार ने आखिरकार लोगों की अपील सुनी है। उन्होंने सरकार के साथ सहयोग की अपील की, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई अप्रिय घटना न हो और सभी हितधारकों से गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया कि राज्य में कानून व्यवस्था को कैसे ठीक से बनाए रखा जाए।
चूंकि नागा समाधान सभी नागाओं के लिए है, उन्होंने जोर देकर कहा कि नागाओं को एकता और एकता की भावना रखनी चाहिए और अपनी मांगों में स्वार्थी नहीं होना चाहिए। रियो ने सरकार का सहयोग करने और समर्थन करने के लिए नागरिक समाज संगठनों, आदिवासी नेताओं और छात्र निकायों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मोन जिले में ओटिंग की घटना की जांच के लिए 22 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, जहां पिछले साल दिसंबर में सुरक्षा बलों द्वारा 14 लोगों की मौत हो गई थी और 30 अन्य घायल हो गए थे।
एसआईटी सदस्यों को उनकी त्वरित जांच और अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि एक बार अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने और एक मामला दर्ज करने के बाद इसे जनता को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक एसआईटी भी बनाई थी और उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है।
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस के अध्यक्ष टी.आर. जेलियांग ने भी सहयोग की अपील की और कहा कि लोगों के समर्थन के बिना पुलिस विकलांग हो जाएगी। राज्य के मुख्य सचिव जे. आलम ने कहा कि लगभग तीन दशकों के बाद तीन जिलों में अफ्स्पा को पूरी तरह से हटा दिया गया और चार अन्य जिलों में आंशिक रूप से हटाया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में और प्रगति दिखाई देगी।
गृह आयुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा कि 72 थानों में से 15 थानों से अफ्स्पा वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी नेताओं, शीर्ष निकायों के नेताओं, होहो समुदाय, नागरिक समाज समूहों और छात्र निकायों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी और शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
पुलिस महानिदेशक, जॉन लॉन्गक्लमर ने कहा कि एक बार अफ्स्पा हटा दिए जाने के बाद कानून और व्यवस्था और शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी नागालैंड पुलिस पर आ जाएगी। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य बलों के जवानों की इंडिया रिजर्व बटालियन को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है।
ईस्टर्न नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने जहां ओटिंग घटना के सभी पीड़ितों के लिए पूर्ण न्याय की मांग की, वहीं प्रभावशाली कोन्याक यूनियन ने परिवारों को न्याय प्रदान करने और संबंधित सशस्त्र बलों के कर्मियों को सजा देने में देरी का विरोध करने के लिए सोमवार की बैठक का बहिष्कार किया।
(आईएएनएस)
Created On :   4 April 2022 7:00 PM GMT