धन, बाहुबल व राज्य मशीनरी का दुरुपयोग कर जीती भाजपा : ठाकोर

BJP won by misusing money, muscle power and state machinery: Thakor
धन, बाहुबल व राज्य मशीनरी का दुरुपयोग कर जीती भाजपा : ठाकोर
गुजरात कांग्रेस धन, बाहुबल व राज्य मशीनरी का दुरुपयोग कर जीती भाजपा : ठाकोर

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात कांग्रेस को हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के इतिहास में सबसे खराब हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के मुताबिक सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने धन, बाहुबल, राज्य मशीनरी के दुरुपयोग और चुनाव आयोग के मूक दर्शक बने रहने के कारण जीत हासिल की। यह बात गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कही।

गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन तथ्य यह है कि कांग्रेस बहुत मजबूत स्थिति में थी। सत्ता विरोधी लहर थी, लोग सरकार से नाराज थे, यह भी उतना ही सच है। आम आदमी पार्टी ने नकारात्मक भूमिका निभाई और एंटी-इनकंबेंसी वोटों को विभाजित किया, जो कांग्रेस के खिलाफ गया और भाजपा की मदद की।

ठाकोर ने कहा, चुनाव हारने का यह पहला कारण है। ठाकोर ने कहा, उन्होंने अपने उम्मीदवारों, पार्टी कैडर और कार्यकर्ताओं से बात की और उन्हें जो फीडबैक मिला, उससे स्पष्ट संकेत मिला कि सत्ताधारी पार्टी ने वोटों की खरीद की है। ठाकोर ने कहा, जहां रिश्वत काम नहीं कर रही थी, वहां सत्ताधारी पार्टी ने स्थानीय नेताओं या लोगों पर दबाव बनाया। जब वह भी विफल हो गया तो उसने स्थानीय पुलिस जैसे अपराध शाखा और विशेष ऑपरेशन समूह टीम के सदस्यों का इस्तेमाल छोटे समूहों/समुदाय के नेताओं के मतदाताओं को सत्ता पक्ष के पक्ष में वोट देने के लिए धमकाने के लिए किया।

जीपीसीसी अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि गांधीनगर रेंज के महानिरीक्षक अभय चुडासमा ने भाजपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी टीम और बल का उपयोग किया था। भाजपा विरोधी लहर को दोहराते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, भाजपा को अपना दर्शन छोड़ना पड़ा और एक या दो मामलों को छोड़कर अधिकांश दबंग नेताओं को दोहराया गया, इससे पता चलता है कि सत्ताधारी पार्टी को चुनाव हारने की कितनी अधिक चिंता थी।

भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों की स्मार्ट रणनीति का हवाला देते हुए, जिसने सत्ताधारी पार्टी को चुनाव जीतने में मदद की, उन्होंने कहा, उन्होंने कम से कम 2,000 से 3,000 मतदाताओं की पहचान की थी, जिन्हें विभिन्न माध्यमों से भाजपा उम्मीदवार को वोट देने का लालच दिया गया था। उन्होंने दावा किया, मुझे चुनाव से दो-तीन महीने पहले इसके बारे में पता चला था और प्रत्येक बैठक में मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रणनीति के बारे में सतर्क कर रहा था, लेकिन हम उन्हें रोक नहीं सके।

कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि चुनाव आयोग ने भाजपा के अनैतिक कार्यो की ओर से आंखें मूंद लीं। ठाकोर ने कहा, चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा भाजपा के खिलाफ दर्ज की गई शिकायतों पर गौर नहीं किया। हमारे दांता उम्मीदवार का अपहरण कर लिया गया था, आधी रात को मैं अपने सहयोगियों के साथ मुख्य निर्वाचन कार्यालय के कार्यालय पहुंचा, लेकिन कार्यालय बंद था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अधिकारी हमारी कॉल का जवाब नहीं दे रहे थे। आयोग कैसे मूकदर्शक बना रहा, यह बताने के लिए यह सबसे अच्छा उदाहरण है।

कांग्रेस पार्टी की कमजोरियों और विफलताओं के बारे में बात करते हुए, ठाकोर ने कहा, पार्टी संगठन मजबूत और अक्षुण्ण थी। लंबे समय के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव लड़ा। पार्टी के सामने सबसे बड़ी समस्या वित्त की थी, हालांकि पर्याप्त धन था। लेकिन भाजपा ने जितना खर्च किया, कांग्रेस उसकी बराबरी नहीं कर सकती।

उन्हें लगता है कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले अन्य कारक कोली ओबीसी मतदाता हैं, जो हमेशा बुरे समय में भी कांग्रेस के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने इस बार कई सीटों पर पार्टी छोड़ दी है, लेउवा पटेल ने सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस के खिलाफ बड़े पैमाने पर मतदान किया है। दुर्भाग्य से इसकी जानकारी नहीं हो पाई, अन्यथा हम बेहतर योजना बना सकते थे।

(आईएएनएस)

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Created On :   1 Jan 2023 4:00 PM IST

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