कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद से बीजेपी राजस्थान में नहीं चुन पा रही नेता प्रतिपक्ष

BJP unable to elect Leader of Opposition in Rajasthan after Kataria became Governor
कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद से बीजेपी राजस्थान में नहीं चुन पा रही नेता प्रतिपक्ष
राजस्थान कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद से बीजेपी राजस्थान में नहीं चुन पा रही नेता प्रतिपक्ष

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बीजेपी गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बनने के 11 दिन बाद भी  नेता प्रतिपक्ष नहीं बना पाई है। भाजपा की ये लेटलतीफी चुनावी साल में सियासी चर्चा का विषय बन गया है। वर्तमान में राजस्थान में बीजेपी 70 विधायकों के साथ विपक्ष की भूमिका में हैं। प्रत्येक पांच साल में सरकार बदल जाने वाले राज्यों में शुमार राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का पद बहुत खास माना जाता है।

आपको बता दें हाल ही में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाब चंद कटारिया असम के राज्यपाल बनाए गए हैं। बीजेपी ने अभी नेता प्रतिपक्ष के पद को होल्ड कर रखा है, लेकिन कई नामों को लेकर चर्चा है। उनमें से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नेता प्रतिपक्ष की रेस में सबसे आगे है। उनके समर्थक में करीब 40 विधायक हैं। वसुंधरा के अलावा राजपूत समुदाय से आने वाले राजेंद्र राठौर, जाट समुदाय के सतीश पूनिया और ब्राह्मण समुदाय के अरुण चतुर्वेदी के नामों की भी चर्चा हैं।  राजेंद्र राठौर वर्तमान में उप नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें राजस्थान विधानसभा के इतिहास में यह नौंवी बार है, जब बीच कार्यकाल में ही नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हुआ है। पहली, पांचवी, छठी, आठवीं, दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं और तेरहवीं विधानसभा के दौरान बीच में ही नेता प्रतिपक्ष बदले गए थे।  सबसे अधिक बार नेता प्रतिपक्ष छठी विधानसभा में बदले गए थे। उस समय परसराम मदेरणा, रामनारायण चौधरी और महरावल लक्ष्मण सिंह नेता प्रतिपक्ष बने थे।

राजस्थान विधानसभा में हरिदेव जोशी, भैरो सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके हैं। वहीं परसराम मदेरणा और महरावल लक्ष्मण सिंह नेता प्रतिपक्ष के बाद विधानसभा स्पीकर की कुर्सी तक पहुंचे।



 

Created On :   23 Feb 2023 6:18 PM IST

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