देश भर के आदिवासियों तक पहुंचने के लिए भाजपा चला रही है अभियान

BJP is running campaign to reach tribals across the country
देश भर के आदिवासियों तक पहुंचने के लिए भाजपा चला रही है अभियान
नई दिल्ली देश भर के आदिवासियों तक पहुंचने के लिए भाजपा चला रही है अभियान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश भर के आदिवासियों तक सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी पहुंचाने और आदिवासियों की भावना और इच्छा की जानकारी सरकार तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने एक नई मुहिम शुरू की है और इसकी जिम्मेदारी पार्टी ने अपने युवा मोर्चा- भाजयुमो को सौंपी है। भारतीय जनता युवा मोर्चा भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोक सभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने मोर्चे के इस अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि यह मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई और लागू की गई विभिन्न योजनाओं के प्रभाव को और व्यापक करने का एक प्रयास है।

इसके माध्यम से, हम देश के सुदूर आदिवासी जिलों के युवाओं तक सरकारी योजनाओं पर चर्चा करने और उनकी भविष्य की अपेक्षाओं को संकलित करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम, शासन में सभी वर्गों की सहभागिता को सुनिश्चित करेंगे, जिसमें भाजयुमो उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा।

भाजयुमो ने देश के कई राज्यों  मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और पुड्डुचेरी में इस अभियान की शुरूआत कर दी है। भाजयुमो के नीति अनुसंधान और प्रशिक्षण -पीआरटी प्रभाग की टीमें आदिवासी युवाओं के विभिन्न समूहों से कई दौर की चर्चा की जा चुकी है।

इन चर्चाओं के दौरान भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं की टीम ने जनधन, आयुष्मान भारत और स्वच्छ भारत जैसी केंद्र सरकार के उन तमाम योजनाओं के बारे में आदिवासी युवाओं से बात की जिनकी वजह से उनके जीवन में बदलाव आया है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में केंद्र सरकार की इन योजनाओं को लागू करने की रफ्तार को लेकर भाजयुमो को कई तरह के चिंताजनक फीडबैक भी युवाओं से मिले हैं।

भाजयुमो के नीति अनुसंधान और प्रशिक्षण -पीआरटी प्रभाग की विभिन्न टीमें आदिवासी क्षेत्रों में मूलभूत अधोसंरचना,शैक्षणिक सुविधाएं, स्वास्थ्य, रोजगार, कानून व्यवस्था और उनकी सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के संबंध में आदिवासी समुदाय के लोगों के साथ चिंतन और विचार-विमर्श कर रही है। राज्य स्तर पर आदिवासियों के साथ विचार-विमर्श कर उनके सुझावों को एकत्र भी किया जा रहा है।

भाजयुमो के राष्ट्रीय पीआरटी प्रभारी, वरुण झावेरी ने कहा कि, ये चर्चा आदिवासी युवाओं की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए आवश्यक कदम हैं। यह पहल कुछ राज्यों में शुरू हो गई है और अगले कुछ हफ्तों में, हम देश भर के आदिवासी जिलों में इसका विस्तार होते देखेंगे। यह एक बार किया जाने वाला आयोजन नहीं बल्कि निरंतर चर्चा की शुरूआत है, ताकि हम आदिवासी युवाओं और सरकारी कार्यक्रमों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य कर सकें।

(आईएएनएस)

Created On :   29 Jan 2022 6:00 PM IST

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