चुनाव नतीजे से पहले हिमाचल में सरकार बनाने के सियासी समीकरण में जुटी भाजपा और कांग्रेस, जानें दोनों पार्टियां क्यों साध रही बागियों से संपर्क?

BJP and Congress engaged in political equation to form government in Himachal, know why both parties are calling rebels?
चुनाव नतीजे से पहले हिमाचल में सरकार बनाने के सियासी समीकरण में जुटी भाजपा और कांग्रेस, जानें दोनों पार्टियां क्यों साध रही बागियों से संपर्क?
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव- 2022 चुनाव नतीजे से पहले हिमाचल में सरकार बनाने के सियासी समीकरण में जुटी भाजपा और कांग्रेस, जानें दोनों पार्टियां क्यों साध रही बागियों से संपर्क?

डिजिटल डेस्क, शिमला। हाल ही में संपन्न हुए हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव की मतगणना में चार दिन शेष बच गए है। जिसकों देखते हुए प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने अपने बागी नेताओं को संदेश भेजना शुरू कर दिया है। ऐसा ये दोनों पार्टी इसलिए भी कर रही है, क्योंकि सदन में उनके पास बहुमत कम हो तो वे उनके साथ शामिल होकर सरकार बनाने में मदद करें। मालूम हो कि राज्य में 12 नवबंर को 68 सीटों पर चुनाव हुए थे। जिसके नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। जिसके बाद नई सरकार की गठन प्रकिया होगी। जिलों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, विधानसभा में बहुमत हासिल का दावा करने वाली दोनों पार्टी की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। 

चुनाव रिलज्ट से पहले सरकार बनाने की मची होड़

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले दोनों दलों के बागियों की उपस्थिति को देखकर दोनों राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं की रातों की नींद हराम हो गई। जिसके लिए अब दोनों पार्टियां उन बागियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, जो विभिन्न जिलों में जीत दर्ज करने की स्थिति में है। भाजपा के सूत्रों ने रविवार को हुए यूनीवार्ता में बताया कि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश के शीर्ष नेताओं को यह आदेश दिया कि वो अपने बागी नेताओं के संपर्क में रहें और किसी भी कीमत पर बागी नेताओं को कांग्रेस पार्टी में गठबंधन न करने दें। यदि ऐसी स्थिति होती है तो वो भाजपा का सर्मथन करें क्योंकि भाजपा उनकी मातृ पार्टी है। 

कांग्रेस ने कही ये बात

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी की भी स्थिति ठीक नहीं दिखाई दे रही है क्योंकि पार्टी के कई नेताओं ने दावा किया है कि यदि पार्टी सत्ता में आई तो वह राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। बता दें कि राज्य में कांग्रेस के बागी नेताओं में प्रमुख प्रतिभा सिंह जोकि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। इसके अलावा पार्टी के और बागियों की बात करें तो उसमें कौल सिंह ठाकुर, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, पूर्व वन मंत्री राम लाल ठाकुर,पार्टी की पूर्व अध्यक्ष आशा कुमारी, सुखविंदर सिंह सुखू, पार्टी एक अनुभवी नेता समेत पिछली विधानसभा में पार्टी के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी शामिल है। इन सभी नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है और सदन में नेता पद के लिए भी अपना दावा पेश किया है। बागी नेताओं का मानना है कि उन्होंने राज्य में भाजपा को नुकसान पुहंचाने का काम किया है। जिनका श्रेय उन्हें मिलना चाहिए, जिसकी वजह से ही पार्टी एक बार फिर से राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में आई है। 

कांग्रेस की ओर से कौन होगा नेता?

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने रविवार को हुए यूनीवार्ता में बातचीत के दौरान बताया कि यदि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो सदन के नए नेता का चयन सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अधिकार में होगा। फिलहाल, सभी की निगाहें राज्य में पार्टी के प्रचार-प्रसार की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी पर टिका हुआ है। जिन्होंने पूरे राज्य में एक बार फिर से पार्टी को मजबूत स्थिति में लाने का काम किया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी शिमला जिले में अपने छराबड़ा स्थित घर में रहकर पूरी चुनावी समीकरण का जायजा लिया।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं की तरफ से चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रियंका गांधी को सदन में नेता के रूप में नामित करने के लिए अधिकृत किया है। इसके अलावा राज्य में स्थिति भी स्पष्ट नहीं है कि कौन-सी पार्टी सत्ता में आ रही है और राज्य के लोग भी इस पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि आगामी 8 दिसंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद सबकुछ साफ हो जाएगा।

 

Created On :   4 Dec 2022 5:36 PM IST

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