Pegasus row: विपक्ष की जांच की मांग में साथ आए नीतिश कुमार, बोले- सदन में चर्चा होनी चाहिए ताकि जो भी सच्चाई है वह सामने आ जाए

BJP ally Nitish Kumar joins Opposition chorus for probe, discussion in Parliament amid Pegasus row
Pegasus row: विपक्ष की जांच की मांग में साथ आए नीतिश कुमार, बोले- सदन में चर्चा होनी चाहिए ताकि जो भी सच्चाई है वह सामने आ जाए
Pegasus row: विपक्ष की जांच की मांग में साथ आए नीतिश कुमार, बोले- सदन में चर्चा होनी चाहिए ताकि जो भी सच्चाई है वह सामने आ जाए

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार ने सोमवार को पेगासस स्नूपगेट विवाद की जांच की मांग की। नीतीश कुमार ने कहा, फोन टैपिंग मामले की जांच बिल्कुल होनी चाहिए। कई दिनों से हम इस बारे में सुन रहे हैं। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए ताकि जो भी सच्चाई है वह सामने आ जाए। बता दें कि विपक्षी दल पेगासस विवाद को लकर एकजुट हैं और समय-समय पर इस मामले पर राज्यसभा और लोकसभा दोनों में चर्चा की मांग करते रहे हैं।

नीतीश कुमार ने कहा, किसी को परेशान करने के लिए अगर ऐसा कोई काम होता है तो यह ठीक नहीं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जो भी सच्चाई है सामने आ जाए। इस पर चर्चा हो जानी चाहिए जो भी है साफ हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को भी सभी बातें सामने रखनी चाहिए। इससे पहले पिछले महीने भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि नई तकनीक का कुछ लोग दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने कहा था कि कहा कि हम तो शुरू से कह रहे हैं कि जो नई तकनीक आ गई है वह परेशानी खड़ी करेगी। इसपर विचार करना चाहिए। नई तकनीक से लाभ भी मिलता है लेकिन कुछ लोग उसका दुरुपयोग भी करते हैं।

नीतीश कुमार की टिप्पणी पर बात करते हुए, आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, "मैं उनसे अपनी मांग पर कायम रहने का अनुरोध करूंगा। मुझे उम्मीद है कि वह दबाव में नहीं आएंगे और कहेंगे कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया।" इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र से जांच की मांग की थी और बाद में पेगासस स्पाइवेयर विवाद की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि उन्होंने पैनल का गठन किया है क्योंकि केंद्र सरकार इस मामेल की जांच नहीं कराना चाहती।

बता दें कि इजराइल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फ़ोन की जासूसी करने का दावा किया जा रहा है। इसमें भारत के भी कई बड़ी हस्तियों के नंबर है। 50 हज़ार नंबरों के एक बड़े डेटा बेस के लीक की पड़ताल द गार्डियन, वॉशिंगटन पोस्ट, द वायर, फ़्रंटलाइन, रेडियो फ़्रांस जैसे 16 मीडिया संस्थानों के पत्रकारों ने की। एनएसओ ग्रुप की ओर से ये साफ़ कहा जा चुका है कि कंपनी अपने सॉफ्टवेयर अलग-अलग देश की सरकारों को ही बेचती है। इस सॉफ्टवेयर को अपराधियों और आतंकवादियों को ट्रैक करने के मकसद से बनाया गया है।

Created On :   2 Aug 2021 8:19 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story