लोकसभा में उच्च न्यायपालिका के वेतन, सेवा शर्तो में संशोधन का विधेयक पारित

Bill passed in Lok Sabha to amend salary, service conditions of higher judiciary
लोकसभा में उच्च न्यायपालिका के वेतन, सेवा शर्तो में संशोधन का विधेयक पारित
नई दिल्ली लोकसभा में उच्च न्यायपालिका के वेतन, सेवा शर्तो में संशोधन का विधेयक पारित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों (वेतन और सेवा की शर्ते) संशोधन विधेयक, 2021 ध्वनिमत से पारित हो गया, जो देश के न्यायाधीशों के वेतन और सेवा शर्तो में बदलाव के लिए है। उच्च न्यायपालिका और एक निर्दिष्ट पैमाने के अनुसार, इसमें एक निश्चित आयु के बाद पेंशन या पारिवारिक पेंशन की अतिरिक्त राशि प्रदान करने का प्रावधान है। विधेयक के अनुसार, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को पेंशन की अतिरिक्त राशि 80, 85, 90 और 95 वर्ष, जैसी भी स्थिति हो, पूरी करने पर स्वीकृत की जा रही है।

इस विधेयक पर बहस के अपने जवाब में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को बहस के दौरान सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत किया और वह अन्य हितधारकों के साथ उचित परामर्श के बाद उन्हें शामिल करने पर विचार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल वह सदस्यों को उनके द्वारा दिए गए कुछ सुझावों को उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों से परामर्श किए बिना जोड़ने का आश्वासन नहीं दे सकते।

यह उल्लेख करते हुए कि न्यायपालिका भी विधायिका और कार्यपालिका के रूप में लोकतंत्र के अन्य स्तंभों के समान महत्वपूर्ण है, मंत्री ने यह भी कहा कि कई सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कॉलेजियम प्रणाली और राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति समिति पर अलग-अलग विचार व्यक्त किए हैं, इसलिए वह इन मुद्दों पर व्यापक परामर्श करेंगे।

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की चौंका देने वाली संख्या को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित किया जाना है। कांग्रेस के शशि थरूर ने मंगलवार को विधेयक पर बहस की शुरुआत करते हुए शीर्ष अदालतों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र का मुद्दा उठाया। उन्होंने अदालतों में लंबित मामलों की चिंताजनक संख्या का भी हवाला दिया। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने भी लंबित मामलों का मुद्दा उठाया, जबकि भाजपा के पी.पी. चौधरी ने सरकार से न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. गीताविश्वनाथ, शिवसेना सदस्य अरविंद गणपत सावन, बसपा के श्याम सिंह यादव और अन्य ने भी बहस में भाग लिया।

(आईएएनएस)

Created On :   8 Dec 2021 8:00 PM IST

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