जातीय जनगणना के प्रति बिहार सरकार गंभीर नहीं: सुशील मोदी

Bihar government not serious about caste census: Sushil Modi
जातीय जनगणना के प्रति बिहार सरकार गंभीर नहीं: सुशील मोदी
बिहार जातीय जनगणना के प्रति बिहार सरकार गंभीर नहीं: सुशील मोदी

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राज्य सरकार पर जातीय जनगणना को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है। मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष एक जून की सर्वदलीय बैठक के निर्णय और 2 जून को कैबिनेट की मंजूरी के 6 महीने बाद भी महागठबंधन सरकार जातीय जनगणना शुरू करने को लेकर गंभीर नहीं है।

मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना का काम दो चरणों में होना था, जबकि छह महीने गुजरने के बाद अभी मकानों की गिनती और नंबरिंग का पहला चरण भी शुरू नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में जातीय और आर्थिक गणना शुरू होनी थी, लेकिन सरकार ने इस पूरे अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया। मोदी ने कहा कि दो चरणों वाली जातीय जनगणना शुरू करने से पहले जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर अधिकारियों का जो प्रशिक्षण होना था, वह भी नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े दर्ज करने के लिए जब एप और पोर्टल तक अभी विकसित नहीं किये गए हैं, तब सरकार की नीयत पर सवाल उठेंगे ही। मोदी ने कहा कि सरकार जातीय जनगणना कराने पर गंभीर नहीं है, इसलिए केवल तारीख पर तारीख दी जा रही है।

उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि निकाय चुनाव के नाम पर सरकार जातीय गणना को और छह महीना टालने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार गंभीर है, तो जनगणना का काम जल्द शुरू करे और हर स्तर पर सुझाव लेने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाए। ऐसी बैठकें हर महीने होनी चाहिए जिससे काम में तेजी आए।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   9 Nov 2022 1:30 PM GMT

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