बिहार में पीएम के कार्यक्रम में सामने आई बड़ी लापरवाही, ऐसे शख्स को चला गया न्योता जो अब है ही नहीं, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की मंजूरी के बाद फाइनल हुई थी मेहमानों की लिस्ट
डिजिटल डेस्क,पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले गंभीर चूक का खुलासा हुआ है। ये चूक तब हुई जब विधानसभा सचिवालय से लेकर स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम पर पैनी नजर रख रहा है। इसके बावजूद ऐसे लोगों को न्योता पहुंच चुका है जिनका लिस्ट में नाम होना ही चौंकाने वाली बात है। इसके बावजूद संबंधित शख्स के घर तक न्योता पहुंच भी गया। और, किसी को पता भी नहीं चला।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के दौरे पर जा रहे हैं। पीएम बिहार की राजधानी पटना में बिहार विधानसभा शताब्दी समारोह में शामिल होने वाले हैं वह इस दौरान विधानसभा भी जाएंगे। उनके इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बिहार के वर्तमान व पूर्व विधायकों और एमएलसी को भी निमंत्रण भेजे गए हैं। निमंत्रण पत्र भेजने के दौरान अधिकारियों ने एक बड़ी गलती कर दी है, जो पीएम के बिहार पंहुचने के पहले ही चर्चा का विषय बन गई है।
निमंत्रण पत्र भेजते समय अधिकारियों ने एक ऐसे पूर्व विधायक को भी निमंत्रण भेज दिया जिनका 4 साल पहले ही निधन हो चुका है। जिनके नाम से यह निमंत्रण भेजा गया है उनका नाम है अब्दुल पयामी। पयामी के परिजनों को जब उनके नाम का निमंत्रण पत्र मिला तो वह चौंक गए।
बता दें विधायक रहे अब्दुल पयामी 1980 में मधुबनी के लौकहा विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके है। 4 वर्ष पूर्व उनका निधन हो चुका है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शीतलंबर झा ने इस मामले में कहा कि जब पयामी साहव के नाम का आमंत्रण पत्र आया तो हम हैराव हो गए, उन्होंने कहा कि विधानसभा के अधिकारियों को पता होना चाहिए कि वे अब हमारे बीच नहीं रहे।
जानकारी के मुताबिक इस घटना के सामने आने के बाद विधानसभा सचिवालय की तरफ से कहा गया कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बिहार के वर्तमान व पूर्व विधायकों और एमएलसी को भी निमंत्रण भेजे गए हैं। साथ ही सूत्रों की मानें तो उन्होंने स्वीकार किया है कि मृत व्यक्ति को आमंत्रित करना उनकी बड़ी भूल है। बताया जा रहा है कि इस लिस्ट को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की भी स्वीकृति मिली थी।
पीएम की सुरक्षा को लेकर किसकी होती है जिम्मेदारी?
बता दें देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी एसपीजी संभालती है। लेकिन प्रधानमंत्री को अक्सर राज्यों के विभिन्न कार्यक्रमों और राजनीतिक रैलियों में अक्सर शामिल होना पड़ता है। ऐसे में प्रधानमंत्री किसी राज्य के दौरे पर जाते हैं तो संबंधित राज्य प्रशासन को एसपीजी और पीएमओ के समन्वय से पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारियां संभालनी होती है। अर्थात इस स्थिति में प्रधानमंत्री के सुरक्षा को लेकर मुख्य जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकार की भी होती है।
सुरक्षा लेयर ?
प्रधानमंत्री जब भी किसी कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो एसपीजी से लेकर राज्य पुलिस और स्थानीय खुफिया विभाग की टीमों की तैनाती होती है। एसपीजी की टीम पहले ही संबंधित राज्य में जाकर कार्यक्रम स्थल का पूरी तरह से मुआयना करती है। उनकी टीम में इसमें केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के लोग भी शामिल होते हैं। साथ ही केंद्रीय टीमों और एसपीजी के उच्चाधिकारियों की स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एक बैठक होती है जिसे एएसएल का नाम दिया जाता है। एएसएल को एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग कहते हैं।
Created On :   12 July 2022 3:10 PM IST