आंध्र सरकार ने वाईएसआर रायथु भरोसा-पीएम किसान के तहत 2,096 करोड़ रुपये जारी किए
- सूखा प्रभावित
डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को वाईएसआर रायथु भरोसा-पीएम किसान योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता की दूसरी किस्त के तौर पर 2,096 करोड़ रुपये जारी किए। उन्होंने बटन दबाकर राशि ट्रांसफर की। यह राशि राज्यभर के 50.92 लाख किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा की जाएगी।
नंदयाल जिले के अल्लागड्डा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान को कुल 13,500 रुपये की सहायता में से 7,500 रुपये की पहली किस्त इस साल मई में वितरित की गई थी। सोमवार को जारी 2096.04 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त में प्रत्येक लाभार्थी को खरीफ कटाई और रबी की बुवाई के लिए 4000 रुपये मिलेंगे। 2000 रुपये की अंतिम किस्त अगले साल जनवरी में संक्रांति से पहले जारी की जाएगी।
किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार 50 लाख से अधिक किसानों के लाभ के लिए इस योजना के तहत हर साल 7,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि आज के वितरण से सरकार ने कल्याण योजना के तहत अब तक 25,971.33 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। रायथु भरोसा योजना के क्रियान्वयन का यह लगातार चौथा वर्ष है। यह योजना न केवल कृषि भूमि मालिकों के लिए, बल्कि किरायेदार किसानों के लिए भी लागू की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अब तक रायथु भरोसा केंद्र (आरबीके), ई-फसल, मुफ्त फसल बीमा, इनपुट सब्सिडी, मुफ्त नौ घंटे बिजली की आपूर्ति, मशीनीकरण और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत किसानों के लाभ के लिए 1,33,526.92 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी के सत्ता में आने के बाद किसान परिवारों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत 51,000 रुपये मिले।
जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि वाईएसआरसीपी के सत्ता में आने के बाद हर साल राज्य को अच्छी बारिश का आशीर्वाद मिल रहा है और पिछले तेदेपा शासन की तुलना में राज्य में एक भी मंडल को सूखा प्रभावित घोषित करने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि तेदेपा शासन में खाद्यान्न उत्पादन 154 लाख टन था। राज्य ने वाईएसआरसीपी के सत्ता में आने के बाद 167.24 लाख टन खाद्यान्न का रिकॉर्ड हासिल किया।
जगन रेड्डी ने कहा कि तेदेपा शासन ने अपने पांच साल के शासन में किसानों के लिए शून्य ब्याज आधारित ऋण की ओर 685 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि वाईएसआरसीपी सरकार ने अब तक 1282 करोड़ रुपये खर्च किए। वाईएसआरसीपी शासन के दौरान अब तक 44,28,000 किसानों को फसल बीमा के रूप में 6684 करोड़ रुपये मिले, जबकि पिछली सरकार के दौरान केवल 30,85,000 किसानों को फसल बीमा के रूप में 3411 करोड़ रुपये मिले।
उन्होंने कहा कि जहां चंद्रबाबू नायडू ने नकली बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की जांच के लिए केवल 12 प्रयोगशालाएं चलाकर किसानों के कल्याण की उपेक्षा की, वहीं वाईएसआरसीपी सरकार ने 147 ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं, जिनमें से 70 प्रयोगशालाएं चालू हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि तेदेपा सरकार किसानों को 2558 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी देने में विफल रही, जबकि वाईएसआरसीपी सरकार ने अब तक 20,85,000 किसानों को 1800 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी दी है। उन्होंने दावा किया कि एक भी किसान का परिवार आत्महत्या के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त किए बिना नहीं पाया जाता है। अल्लागड्डा विधायक गंगुला बृजेंद्र रेड्डी (नानी) की अपील के जवाब में मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में विकास कार्यो के लिए 97 करोड़ रुपये भी मंजूर किए।
आईएएनएस
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Created On :   17 Oct 2022 6:00 PM IST