अकाल तख्त जत्थेदार ने ठुकराई सरकारी सुरक्षा, एसजीपीसी ने तैनात किए जवान

Akal Takht Jathedar rejected government security, SGPC deployed soldiers
अकाल तख्त जत्थेदार ने ठुकराई सरकारी सुरक्षा, एसजीपीसी ने तैनात किए जवान
पंजाब अकाल तख्त जत्थेदार ने ठुकराई सरकारी सुरक्षा, एसजीपीसी ने तैनात किए जवान
हाईलाइट
  • अकाल तख्त जत्थेदार ने ठुकराई सरकारी सुरक्षा
  • एसजीपीसी ने तैनात किए जवान

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। पंजाब सरकार द्वारा उनकी आधी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अपने कार्यालय से कहा है कि वे शेष सुरक्षा कर्मियों को भी सरकार को वापस भेज दें, क्योंकि उन्हें उनकी जरूरत नहीं है।

दरअसल आम आदमी पार्टी (आप) के सत्ता में आने के बाद पंजाब में वीआईपी कल्चर में काफी कटौती की जा रही है और वीआईपी की सुरक्षा में भी कमी की जा रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा को कम करने के आदेश जारी किए थे। अब इस फैसले पर सिंह ने नाराजगी जताते हुए अपनी पूरी सुरक्षा को वापस करने की बात कह दी है।

वहीं, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने जत्थेदार की सुरक्षा में अपने हथियारबंद जवानों को तैनात कर दिया, जिन्होंने इस हफ्ते सिखों को अनिश्चित समय को देखते हुए लाइसेंसी हथियार रखने को कहा था।एक आदेश में, सरकार ने राज्य में 424 वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली या कम कर दी। इनमें बड़े पैमाने पर पूर्व विधायक, विभिन्न डेरों के प्रमुख और पुलिस अधिकारी शामिल हैं।सिखों की सर्वोच्च अस्थायी सीट अकाल तख्त का मुखिया उनमें से एक है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने बाद में उनकी सुरक्षा बहाल कर दी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पास छह पुलिस कर्मियों का सुरक्षा कवच था। आदेश के बाद तीन को वापस ले लिया गया।सुरक्षा वापस लेने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जत्थेदार ने कहा, मुझे सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है। खालसा पंथ और सिख युवा हमारी सुरक्षा के लिए हैं।

एसजीपीसी के एक अधिकारी ने कहा, विवाद के बाद पंजाब सरकार ने अकाल तख्त के जत्थेदार की सुरक्षा बहाल कर दी है। हालांकि, जत्थेदार अपने फैसले पर अड़े हुए हैं और उन्होंने सरकारी सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है।उन्होंने कहा कि एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी के निर्देश पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा के लिए एसजीपीसी के चार कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

आनंदपुर साहिब में तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, जालंधर में डेरा सचखंड बल्लान के प्रमुख संत निरंजन दास सहित कई डेरा प्रमुख और संतों की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है।जिन लोगों की सुरक्षा में कटौती की गई है उनमें ब्यास में डेरा राधा स्वामी सत्संग के प्रमुख, नूरमहल में डेरा दिव्य ज्योति जागृति संस्थान और शाही इमाम पंजाब, मोहम्मद उस्मान लुधियानवी भी शामिल हैं।

23 मई को सिख समुदाय को एक वीडियो संदेश में अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा था, हर सिख को लाइसेंसी हथियार रखने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि जो समय आ रहा है और जो परिस्थितियां आने वाली हैं, यह उसकी मांग है। सिख युवाओं को गतका (सिख मार्शल आर्ट) और निशानेबाजी में दक्ष होना चाहिए।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   28 May 2022 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story