वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना होगा बेहद आसान, सरकार ला रही ये मास्टरप्लान!
- लाइसेंस-पासपोर्ट बनवाना भी आसान होगा
- सरकारी योजनाओं में भी लाभ मिलेगा
- लोग खुद अपने घर में बैठे वोटर आईडी में बदलाव कर सकेंगे!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अब 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। दरअसल मोदी सरकार देश में एक नया बिल पास करने जा रही है, जिसके मुताबिक, भारत के कोई भी नागरिक का नाम 18 साल का होने पर खुद ब खुद मतदाता सूची में जुड़ जाएगा। इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसका नाम वोटर लिस्ट से खुद-ब-खुद हट भी जाएगा।
22 मई को जनगणना भवन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, सरकार संसद में एक बिल लेकर आने की तैयारी में हैं। जिसके मुताबिक व्यक्ति के जन्म और मृत्यू को मतदान सूची में पंजीकृत करने का प्रावधान होगा।
बिल में होगें ये प्रावधान
शाह ने कहा कि, यह बिल जन्म और मृत्यू पंजीकृत को निर्वाचक नामावली से जोड़ने का काम करेगा। इस बिल के अनुसार जिसकी भी उम्र 18 साल होगी, उस व्यक्ति का नाम खुद मतदान सूची में जुड़ जाएगा।
उन्होंने आगे बताया, इसी तरह जब किसी व्यक्ति की मौत होगी, तो उसकी जानकारी चुनाव आयोग के पास अपनेआप पहुंच जाएगी। इसके बाद मतदान सूची से उस व्यक्ति का नाम हटा दिया जाएगा।'
लाइसेंस-पासपोर्ट बनवाना भी आसान होगा
जन्म और मृत्यू पंजीकरण अधिनियम,1969 में संशोधन के लिए लाए जा रहे इस बिल के पारित होने के बाद लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलेगी। जहां इस बिल के पारित होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनवाने में आसानी होगी वहीं कई सरकारी योजनाओं में भी इसका लाभ मिलेगा।
कैसे होगी प्रक्रिया?
गौरतलब है कि पिछले साल अमित शाह ने आगामी जनगणना को लेकर कहा था कि, आने वाली जनगणना इलेक्ट्रॉनिक होगी, जो कि 100 फीसदी सही होगी। इस दौरान शाह ने कहा था कि इससे आने वाले 25 साल के लिए विकास योजना बनाई जाएंगी।
दरअसल, इलक्ट्रॉनिक जनगणना के लिए एक सॉफ्टवेयर और एक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार की जाएगी। जिसकी सहायता से लोग खुद अपने डेटा में घर बैठे आवाश्यक बदलाव कर सकते हैं।
इस प्रस्तावित बिल के मुताबिक, जन्म से मृत्यू तक की तारीख जनगणना से जोड़ी जाएगी। बच्चे के जन्म की तारीख जनगणना कार्यालय में रजिस्टर कर दी जाएगी। जिस दिन बच्चा 18 साल का होगा उसका नाम स्वत: ही मतदान सूची में जुड़ जाएगा। वहीं जब उसकी मृत्यू होगी तो उसका सारा डेटा खुद रिकॉर्ड से हट जाएगा।
किस तरह होगी फायदेमंद?
ई-जनगणना में प्रत्येक व्यक्ति के जन्म और मृत्यू का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद देश की जनगणना खुद अपडेट होती रहेगी। इसके आने से बड़ा फायदा यह भी होगा कि लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पडे़गें। अपना नाम और पते में बदलाव करना भी बेहद आसान हो जाएगा।
कितनी खर्चीली होगी प्रक्रिया?
देश में पहली बार होने जा रही ई-जनगणना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत कलेक्ट किया जाने वाला डाटा मोबाइल ऐप के जरिए एकत्रित किया जाएगा। हालांकि इस बारे में सरकार की तरफ से अभी कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है। लेकिन यदि इसमें आने वाले खर्चे की बात करें तो साल 2019 में केंद्रीय कैबिनेट ने 2021 की जनगणना के लिए 8,754 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। हालांकि 1 मार्च 2021 तक पूरा होने वाला जनगणना का काम कोरोना महामारी के कारण बीच में ही रुक गया था और पूरा नहीं हो सका था। जानकारी के मुताबिक, इस साल 1 अक्टूबर के बाद से दोबारा जनगणना का रुका काम शुरू हो सकता है।
Created On :   23 May 2023 3:44 PM GMT